बालोद. दल्लीराजहरा भाजपा मंडल में इस्तीफे का दौर जारी है. मंडल अध्यक्ष गोविंद वाधवानी के इस्तीफे की पेशकश के बाद पार्टी में इस्तीफे की बौछार से जिले से लेकर रायपुर तक खलबली मच गई है. सूत्रों की माने तो मंडल पदाधिकारियों के साथ दल्लीराजहरा के करीब दर्जनों भाजपा नेताओं ने मंगलवार को अपना इस्तीफा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेज दिया है.
भाजपा पदाधिकारियों के इस्तीफों पर कांग्रेस ने तंज किया है. कांग्रेसियों का कहना है कि यह पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की हवा है. लोगों का भाजपा से भी विश्वास उठ चुका है. पार्टी के नेता भी भाजपा से खुश नहीं हैं. यही वजह है कि पार्टी के लोग पद छोड़ रहे हैं. कुछ दिनों बाद पार्टी भी छोड़ देंगे.


लगाए गए आरोप को साबित करने की चुनौती
बता दें कि पार्टी के मंडल अध्यक्ष गोविंद वाधवानी ने यह कहते हुए इस्तीफे की पेशकश की है कि उनके ऊपर कुछ बड़े नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए है, जो निराधार है. निराधार आरोपों से आहत होकर वे पार्टी को अपना त्यागपत्र दे रहे हैं. उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को साबित करने की चुनौती भी दी है.


24 घंटे के भीतर धड़ाधड़ इस्तीफे से हड़कंप
मंडल अध्यक्ष के पद से त्याग पत्र के बाद दल्लीराजहरा भाजपा पार्टी संगठन की मंडल कार्यकारिणी, युवा मोर्चा कार्यकारिणी, महिला मोर्चा कार्यकारिणी सहित अन्य मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने पद छोड़ने की पेशकश आला नेताओं से कर दी है. पिछले 24 घंटे के भीतर धड़ाधड़ इस्तीफे से पार्टी में हड़कंप मच गया है.

इन नेताओं ने की इस्तीफे की पेशकश
दल्लीराजहरा में भाजपा के रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले मंडल अध्यक्ष गोविंद वाधवानी, उपाध्यक्ष विशाल मोटवानी, मंजीत कौर, कोषाध्यक्ष रमेश कुमार, मंत्री विजयभान सिंह, मीडिया प्रभारी आशीष लालवानी, मंत्री जनार्दन सिंगरौल, रमेश गुर्जर, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष गीता मरकाम, महामंत्री उषा आष्टिकर, रानू ठाकुर, उपाध्यक्ष विम्मी शर्मा, सुचित्रा दास, मंत्री डाली सिंह, कोषाध्यक्ष दुलेश्वरी साहू, पिछड़ा वर्ग मोर्चा शहर अध्यक्ष सोमेश जायसवाल, अनुसूचित जाति शहर मोर्चा अध्यक्ष चंद्रकांत चोपड़े, युवा मोर्चा शहर अध्यक्ष संजीव सिंह, नेता प्रतिपक्ष नगर पालिका बॉबी छतवाल सहित सैंकड़ों भाजपा नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश की है.

प्रोटोकॉल भूल चुका है जिले का पार्टी नेतृत्व
ज्यादातर भाजपा नेताओं ने अपने पत्र में कहा है कि यह दुख सिर्फ उनका नहीं है, बल्कि कई जिलों की और भी कार्यकर्ताओं का है. जिले में पार्टी का नेतृत्व प्रोटोकॉल को भूल चुका है. पार्टी के पद से इस्तीफा देते हुए भाजपाइयों ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को यह भी लिखा है कि हम बाहरी लोगों से तो लड़ सकते हैं, मगर पार्टी के भीतर और अपने लोगों से नहीं.


मेरे तक नहीं आया है इस्तीफा पत्र: जिलाध्यक्ष
इस मामले में बालोद भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार का कहना है कि इस्तीफा देने के बारे में मुझे जानकारी नहीं है. जब तक मेरे तक पत्र नहीं आएगा इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा. इस्तीफा मेरे तक आए तब जानकारी बता पाऊंगा.

जमीनी स्तर के भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपेक्षित : कांग्रेस
भाजपा नेताओं के इस्तीफे की पेशकश के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर ने कहा कि भाजपा में हमेशा जमीनी स्तर के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपेक्षित होते आ रहे हैं. इसके चलते छत्तीसगढ़ से भाजपा का सूपड़ा साफ हो रहा है. यह कोई नई बात नही है कि पहली बार कोई इस्तीफा दे रहा हो. आज सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है कि दर्जनों भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया है. 15 सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद जनता को तो भाजपा नहीं संभाल पाई, भाजपा कम से कम अपने कायकर्ताओ को संभाल ले.

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