संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. जूनापारा धान खरीदी केंद्र की पोल बेमौसम बारिश ने खोलकर रख दी है. इसका खामियाजा मासूम किसानों को भुगतना पड़ा है, जिनका बिना तौलाई के खुले में रखा धान बारिश में भीग गया है.
बता दें कि खरीदी केंद्र में दर्जनभर किसान समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचने के लिए टोकन कटाने के बाद सप्ताह भर पहले ही केंद्र में आ गए थे, लेकिन धान खरीदी केंद्र प्रभारी के द्वारा बारदाने की कमी होने का हवाला देते हुए धान की तौलाई नहीं की गई. अब बेमौसम बारिश से उनका सैकड़ों क्विंटल धान पानी में डूब गया है. इससे परेशान किसानों के चेहरे में बिक्री को लेकर पशोपेश में पड़ गए हैं.
किसानों का आरोप है कि धान खरीदी केंद्र में लगातार बारदाने की कमी का हवाला देते हुए उन्हें प्रभारी चक्कर लगवा रहे हैं, शुक्रवार को हुई बेमौसम बारिश से जहां खरीदी केंद्र परिसर पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गया, और किसानों के खून-पसीने की मेहनत से पैदा हुआ सैकड़ों क्विंटल धान पानी में डूब गया. किसानों का आरोप है कि खरीदी केंद्र में बिचौलिए सक्रिय हैं, जिनका काम कमीशन के चक्कर में पहले किया जाता है. अगर व्यवस्था सही रहती तो उन्हें यह मुसीबत नहीं उठानी पड़ती.
इस पूरे मामले को लेकर धान खरीदी प्रबंधक रामचंद्र जायसवाल ने धान खरीदी केंद्र, जूनापारा में बारदाने की कमी होने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया, वहीं धान खरीदी केंद्र में बदहाली को लेकर जब कोटा के एसडीएम कीर्तिमान राठौर से बात की गई तो उन्होंने खाद्य निरीक्षक को जांच करने निर्देश देने की बात कही है.