रायपुर। प्रदेश की धर्मनगरी आरंग की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने तथा उसे नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से आगामी 14 और 15 जनवरी को भव्य ‘राजा मोरध्वज महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। इस दो दिवसीय महोत्सव को लेकर नगर में उत्साह का माहौल है। आरंग में आयोजित सर्वसमाज की बैठक में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने महोत्सव की आधिकारिक जानकारी साझा करते हुए आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की।

बैठक को संबोधित करते हुए गुरु खुशवंत साहेब ने नगर के सभी सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए सक्रिय सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आरंग की प्राचीन संस्कृति, गौरवशाली परंपराओं और ऐतिहासिक महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

काव्य संध्या बनेगी मुख्य आकर्षण

महोत्सव के दूसरे दिन 15 जनवरी को सुप्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास अपनी विशेष काव्य प्रस्तुति देंगे, जो इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण रहेगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों, लोक कला प्रस्तुतियों और विविध आयोजन के माध्यम से आरंग की सांस्कृतिक छवि को व्यापक मंच प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल की उपस्थिति प्रस्तावित

इस गरिमामयी आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मंत्रिमंडल के सदस्य एवं प्रदेश की कई नामचीन हस्तियों की उपस्थिति प्रस्तावित है। महोत्सव के दौरान आरंग क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को ‘अलंकरण सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा।

स्थानीय कलाकारों को मिलेगा बड़ा मंच

महोत्सव के माध्यम से आरंग एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों के कलाकारों को अपनी लोक कला, सांस्कृतिक विधाओं और प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए एक सशक्त और व्यापक मंच उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कला को नई पहचान मिलेगी।

नई पीढ़ी को इतिहास से जोड़ने का प्रयास

बैठक में गुरु खुशवंत साहेब ने कहा, “राजा मोरध्वज की यह पावन धरती अपनी दानवीरता और ऐतिहासिक गौरव के लिए जानी जाती है। इस महोत्सव के माध्यम से हम नई पीढ़ी को अपनी जड़ों और गौरवशाली इतिहास से जोड़ना चाहते हैं। मैं आरंग के प्रत्येक नागरिक और सामाजिक प्रमुख से आह्वान करता हूं कि वे इसे जनोत्सव के रूप में मनाएं और इसकी सफलता में सहभागी बनें।”

पर्यटन और पहचान को मिलेगा बढ़ावा

महोत्सव की तैयारियों को लेकर प्रशासन एवं स्थानीय आयोजन समितियों ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। आयोजकों का मानना है कि इस आयोजन से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आरंग की पहचान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगी। बैठक में आरंग के सभी समाजों के प्रमुख, प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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