हेमंत शर्मा,रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों रूपए की ठगी करने वाला मुख्य आरोपी पिछले एक महीने से फरार चल रहा है. पीड़ित का दावा है कि मुख्य आरोपी अपने घर में मौज कर रहा है, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है. उसने यह भी आंशका जाहिर की है कि पुलिस और आरोपी के बीच सांठगांठ हो गया है, इसलिए कार्रवाई नहीं की जा रही. लेकिन पुलिस भी कई जगहों पर दबिश देने के बाद भी सफलता नहीं मिलने की बात कह रही है. अब देखना यह होगा कि आरोपी कब तक पुलिस की गिरफ्त में आता है.
दरअसल एम्स अस्पताल (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में नौकरी लगाने का झांसा देकर तीन आरोपियों ने 50 से अधिक बेरोजगार लोगों से 3-3 लाख रूपए की ठगी की थी. युवराज साहू समेत कई पीड़ितों ने आमानाका थाने में 2 नवंबर को एफआईआर दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने दो आरोपी धनेश भारती और मनीष टंडन को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले का मुख्य आरोपी मेघनाथ चंद्रवंशी अब तक फरार है. मेघनाथ ने खुद को एम्स में डॉक्टर होना बताकर लोगों को अपने झांसे में लिया था. मेघनाथ चंद्रवंशी गरियाबंद जिले के छूरा का रहने वाला है.
ठगी का शिकार हुए पीड़ित युवराज साहू ने कहा कि एम्स में नौकरी लगवाने के लिए मेघनाथ चंद्रवंशी, धनेश भारती और मनीष टंडन ने लगभग 50 से अधिक लोगों से 3-3 लाख रुपए प्रति व्यक्ति लिया था. मनीष टंडन और धनेश भारती मानवधिकार में बाबू के पद पर पदस्थ है. जबकि मुख्य आरोपी मेघनाथ चंद्रवंशी फरार है. वो बिंदास अपने घर में घूम रहा है, मोबाइल का भी उपयोग कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस उसे नहीं पकड़ रही है. उसने कहा कि कहीं ना कहीं पुलिस के द्वारा सांठगांठ कर लिया गया है. क्योंकि पुलिस को यह जानकारी दी गई है कि वो अपने घर में खुलेआम घूम रहा है. उसके बाद भी कार्रवाई ना करना समझ से परे है.
इस मामले में एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि एम्स अस्पताल में कम्प्यूटर ऑपरेटर और अन्य पदों पर नियुक्ति का झांसा देकर तीन लोगों ने ठगी की घटना को अंजाम दिया था. जिसमें से दो आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. मुख्य आरोपी मेघनाथ चंद्रवंशी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है. आरोपी जहां-जहां रुका, उन ठिकाने पर दबिश दी जा रही है. लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार करने में सफलता नहीं मिली है. पुलिस उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी.