Raipur Crime News:  प्रतीक चौहान. रायपुर.  एक जमीन को 1.80 करोड़ रूपए प्रति एकड़ में खरीदकर उसे 1.18 लाख रूपए में बेचने के लिए एक जमीन के सौदा करने का मामला सामने आया है. अब आप सोच रहें होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है कि खरीददार ने करीब 60 लाख रूपए प्रति एकड़ का नुकसान खाकर जमीन बेचने का सौदा किया. ऐसा कैसे हुआ और ये खेल रायपुर में कैसे चल रहा है चलिए आपको इस पूरी रिपोर्ट में बताते है.

रायपुर एसपी के पास कुल 65 लाख रूपए की धोखाधड़ी की दो शिकायतें पहुंची है. इसमें दावा किया गया है कि किसान की जमीन के बदले दो अलग-अलग पार्टी ने सौदा किया,  सौदा भी उस जमीन का जो उनके नाम पर हुई ही नहीं थी. इसके एवज में 32 लाख 50 हजार और 32 लाख 50 हजार रूपए एडवांस दूसरी पार्टी से ले लिया. प्रार्थी के होश तब उड़ गए जब उन्हें पता चला कि ये जमीन विवादित है. अब इस मामले में श्रीमती नैना अग्रवाल पति हर्ष अग्रवाल निवासी अशोका इंप्रेशन मोवा और रवि किशोर केशरवानी पिता किशनलाल केशरवानी निवासी जीवन अपार्टमेंट शंकर नगर के खिलाफ प्रार्थी नीलेश भरत चतवानी निवासी कलिंदी कुंज सिविल लाईन ने कार्रवाई की मांग की है.

एसपी को की गई शिकायत के मुताबिक अमित खण्डेलवाल और सुमित खण्डेलवाल ने अपने मित्र रवि से प्रार्थी का परिचय करवाया और मंदिरहसौद, तहसील आरंग के गांट कोटनी की खसरा नंबर 753 का भाग 0.440 का सौदा किया. दोनो ने मिलकर 1.18 करोड़ रूपए एकड़ के हिसाब से सौदा दिया. इसमें बतौर एडवांस दोनो ने 32 लाख 50 हजार और 32 लाख 50 हजार रूपए एडवांस लिया और उसका भी अग्रिमेंट किया. इसके बाद जब प्रार्थी मौके पर पहुंचा तो उक्त जमीन में किसान छबिलाल द्वारा एक बोर्ड लगा देखा, जिसमें लिखा हुआ था कि उक्त जमीन के विक्रय विलेख को शून्य घोषित किए जाने बाबत् एक प्रकरण प्रस्तुत किया है जो मधुसुदन चंद्राकर (अष्टम अपर अतिररिक्त जिला न्यायाधीश) के समक्ष लंबित है.

ये बोर्ड को देखने के बाद प्रार्थी के होश उड़ गए. प्रार्थी ने किसान से जानकारी ली तो पता चला कि उक्त जमीन का सौदा दोनो आरोपियों ने 1.80 करोड़ में किया. लेकिन लेन-देन में दोनो के बाद विवाद हुआ, जिसके बाद उक्त किसान ने रजिस्ट्री शून्य कराने के लिए आवेदन दिया और उक्त जमीन के विवादित होने का बोर्ड अपने ही खेत में लगाया. अब प्रार्थी ने इस मामले में एसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में लल्लूराम डॉट कॉम ने रवि केशरवानी और नैना अग्रवाल से उनका पक्ष जानने उन्हें फोन किया. रवि केशरवानी का कहना था कि इस मामले में जल्द मीटिंग है और इसके वे जल्दी शार्ट-आउट कर लेंगे. वहीं नैना अग्रवाल ने कहा कि वे रवि केशरवानी के साथ पहले काम करती थी और उन्होंने ही एक जमीन उनके नाम से ली है, इसके सौदे होने की जानकारी न होने की बात उन्होंने कही. लेकिन बाद में कहा कि उन्होंने इस जमीन के एवज में 2 लाख रूपए ही लिए है. लेकिन एसपी को दी गई शिकायत में प्रार्थी ने 32 लाख 50 हजार रूपए के एडवांस का एग्रीमेंट कराने का प्रमाण सौंपा है. अब पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.