झारखंड के जामताड़ा की कहानी से आप सभी वाकिफ होंगे. लेकिन अब राजस्थान का भरतपुर ठगों का नया अड्डा बनकर उभरा है. भरतपुर ठगी के मामले में जामताड़ा को भी पीछे छोड़ रहा है. ऑनलाइन ठगी के अधिकतर मामलों में देखा गया है कि शातिर ठग भरतपुर के बस्ती से ऑपरेट कर रहे हैं. यहां पुलिस भी जाने से कतराती है, क्योंकि आरोपियों को पकड़ने जाने पर घर की महिलाएं आगे आ जाती है. जिस कारण पुलिस को भी पीछे हटना पड़ता है.

शिवम मिश्रा,रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन ठगी की घटनाएं बढ़ गई है. शहर में हर रोज अज्ञात ठग किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे हैं. ये ठग कभी केवाईसी अपडेट करने, कभी कोविड के नाम पर, तो कभी सीआरपीएफ जवान बनकर ठगी कर रहे हैं. रायपुर की एक महिला से सीआरपीएफ जवान बनकर आरोपी ने 80 हजार रुपए ठग लिए. पूरा मामला खमतराई थाना क्षेत्र का है.

मिली जानकारी के मुताबिक खमतराई इलाके के शिवानंद नगर स्थित सेक्टर- 3 की रहने वाली दीपिका जैन ने पिछले दिनों अपना घर किराए से देने के लिए OLX पर विज्ञापन डाला था. विज्ञापन डालने के कुछ ही दिन बाद महिला को एक CRPF के जवान ने कॉल किया. उसने घर को किराए से लेने के नाम पर जानकारी ली. महिला से बातचीत में CRPF के जवान ने बताया कि कुछ ही दिनों में उसका रायपुर ट्रांसफर होने वाला है. उसे घर किराए से लेने की आवश्यकता है.

खाते से उड़ाए 79 हजार 901 रुपए

जवान ने अपने बातचीत में कहा कि किराए से घर देने पर महिला को विभाग की ओर से पहले ही 2 महीने का एडवांस पेमेंट भेज दिया जाएगा. इस तरह उस ठग ने महिला को अपने झांसे में ले लिया. जिसके बाद CRPF जवान ने महिला के पेटीएम में एक रुपए ट्रांसफर किया. उसके बाद क्यूआर कोड को स्कैन कराकर खाते से कई बार में 79 हजार 901 रुपए निकाल लिए. इस तरह अज्ञात ठग ने CRPF जवान बनकर ठगी की पूरी वारदात को अंजाम दिया.

मामले की जांच कर रही पुलिस

इस मामले में एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि OLX पर विज्ञापन देने के बाद महिला के साथ करीब 80 हजार रुपए ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. महिला की शिकायत पर खमतराई थाना में अज्ञात ठग के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है.

अपराधी को पकड़ने पुलिस करती है निगरानी

बता दें कि भरतपुर के बस्ती में रहने वाले ठगों को पकड़ने के लिए पुलिस बॉर्डर पर इनके गतिविधियों को वॉच करती है. ये ठग ज्यादातर समय अपने बस्ती में ही गुजारते हैं. क्योंकि इन्हें डर बना रहता है कि बस्ती से बाहर निकलने पर पुलिस पकड़ लेगी. हालांकि ठगी के कई मामलों में पुलिस ने भरतपुर के बस्ती में रहने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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