Raipur Famous Food: प्रियंका अग्रवाल गुप्ता. त्यौहारों का सीजन शुरू हो चुका है. कुछ दिनों बाद नवरात्रि शुरू हो जाएगी, फिर दशहरा, दिवाली, एकादशी, छठ पर्व आ जाएगा. त्योहारों की बात करें और मिठाई का जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता.
वैसे तो रायपुर में मिठाई की हजारों दुकाने हैं पर कुछ दुकान ऐसी भी हैं जहां की मिठाईयों का कोई मुकाबला नहीं है. रायपुर फेमस स्ट्रीट फूड में आज हम आए हैं लगभग 56 साल पुरानी दुकान में जहां के पेड़े बहुत ही ज्यादा फेमस हैं और इस पेड़े की प्रसिद्धि का सबसे बड़ा कारण है इसका स्वाद. जो इतने सालों में जरा भी नहीं बदला है. आज हम आए हैं रायपुर के फेमस ठप्पे वाले पेड़े लेने. (Raipur Famous Food)
“सुलभ दुग्ध भंडार” दुकान का ये पेड़ा “सुलभ पेड़ा” के नाम से रायपुर सहित पूरे देश में फेमस है. और जो लोग इस पेड़े कप पसंद करते हैं उनके घरों में चाहे कोई भी फंक्शन हो, त्यौहार हो सुलभ के पेड़े के बिना सेलिब्रेशन पूरा नहीं होता है.
1 दिन में बिक जाता है 150 किलो पेड़ा (Raipur Famous Food)
सुलभ का पेड़ा लोगों को इतना ज्यादा पसंद है कि एक दिन में लगभग 100 से 150 किलो तक बिक जाता है. और त्यौहार के सीजन में तो इसकी बिक्री 2 से 3 गुना बढ़ जाती है. सुबह 6 बजे से दुकान में पेड़े बनने बनने का काम शुरू होता है जो दिन भर चलता ही रहता है. यहां मिलने वाला 1 पेड़ा 10 से 12 ग्राम का एक पीस होता है और 1 किलो में लगभग 75 पीस मिठाई चढ़ती है.
इसलिए आता है मिठाई में सौंधापन (Raipur Famous Food)
सुलभ के पेड़े की एक खास बात ये भी है कि इसमें आपको एक अलग ही सौंधापन टेस्ट आएगा और इसकी वजह है इन्हें चूल्हे में पकाना. कहा जाता है न कि चूल्हे में पके खाने का स्वाद गैस में बने खाने से ज्यादा टेस्टी होता है. तो यहां भी चूल्हे में ही यह पेड़ा तैयार किया जाता है. और रायपुर में तो इस पेड़े के मुरीद हैं ही, पर विदेशों में रहने वाले भारतीय,जिन्होंने इसका स्वाद चखा है वो भी इस पेड़े के प्रेमी हैं.
ऐसे बनता है फेमस पेड़ा (Raipur Famous Food )
एक बार में लगभग 4 किलो पेड़ा तैयार किया जाता है. इसके लिए खोवा और चीनी को सबसे पहले कढ़ाई में डाला जाता है. खोवा और चीनी को खूब अच्छे से मिक्स किया जाता है. धीरे धीरे चीनी पिघलने लगती है. लगभग 7 से 8 मिनट तक खोवा को कढ़ाई में भुना जाता है और धीरे धीरे ये रबड़ी के फॉम में आने लगता है. भट्टी में चढ़ी बड़ी सी कढ़ाई में लगातार मटेरियल को बड़े से झारे की सहायता से लगातार चलाया जाता है, ताकि कढ़ाई में नीचे खोवा चिपके नहीं. एक बार खोवा अच्छी तरह से भून के पक जाता है उसके बाद सभी मटेरियल को बड़े-बड़े ट्रे में निकाल कर ठंडा होने दिया जाता हैं. ठंडा होने के बाद खोवे को अच्छी तरह से हाथों से मसला जाता है, जिससे पेड़ा एकदम सॉफ्ट बनता है. खोवा नरम होने के बाद इसे छोटे-छोटे लोई बना कर गोल शेप दिया जाता है, और आखिर में इसमें “सुलभ दुग्ध भंडार” का स्टैम्प लगाया जाता है. और इस तरह तैयार होता है सुलभ का टेस्टी पेड़ा.
Address
- “सुलभ दुग्ध भंडार” नवीन मार्केट के सामने, जी. ई. रोड, रायपुर
- Time- सुबह 8 से रात 9
- Prize- 480 रुपय किलो
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