सत्यपाल सिंह,रायपुर। प्रदेश भर के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एक बार फिर अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने दो और तीन नवंबर को काम बंद आकस्मिक अवकाश का ऐलान कर दिया है. स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग को बकायदा सूचना भी दे दी है. संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मांगों पर स्वास्थ्य विभाग ने ध्यान नहीं दिया, इसीलिए फैसला लिया गया.

ये हैं 17 सूत्रीय मांग

  • कोरोना संक्रमित होने के बाद जिन चिकित्सक/स्वास्थ्य कर्मी का निधन हुआ है, उनको तत्काल योग्यतानुसार अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाए. कोरोना संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों का चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों का तत्काल भुगतान किया जाए.
  • मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुरूप स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिमाह विशेष कोरोना/जोखिम भत्ता मूलवेतन का 10 प्रतिशत स्वीकृत किया जाए या एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए.
  • कोरोना ड्यूटी के बाद 7 दिवस का क्वारेन्टाइन दिया जाए या विगत 6-7 महीने से कोरोना ड्यूटी कर रहे जैसे सेम्पल कलेक्शन, सेम्पल जांच कान्टेक्ट ट्रेसिंग, सर्वे कार्य आदि को भी क्वारेन्टाईन दिया जाए.
  • स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों को जुलाई 2020 से रोके गये वार्षिक वेतन वृद्धि और लंबित मंहगाई भत्ता दिए जाने संबंधी आदेश जारी किया जाए.
  • सभी जिलों में कोविड-19 में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमित के बाद इलाज के लिए चिकित्सालयों में पृथक वार्ड की व्यवस्था किया जाए.
  •  वरिष्ठ कर्मचारी, बी.पी., सुगर, अन्य बिमारी से ग्रषित है, गर्भवती महिला एवं शिशुवती महिलाओं का कोविंड में ड्यूटी ना लगाई जाए.
  • जिन कर्मचारियों का कोरोना संक्रमित होने के बाद निधन हुआ है, उसे शहीद का दर्जा देकर सम्मान किया जाए.
  • कोरोना के नाम से कुछ मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अनावश्यक कर्मचारियों को परेशान करने के नियत से मूल पद स्थापना स्थान से हटाकर अन्यत्र कार्य आदेश जारी किया जा रहा, इस पर रोक लगाई जाए.
  • डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय के हिटलर तानाशाह भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों से दुव्यवहार गाली गलौच धमकी देने वाला, कोविड-19 में उपयोग किए गए सामग्री जैसे-मास्क, फेश शिल्ड, पी.पी.ई. किट, गागल्स आदि का पुनः उपयोग कराकर कर्मचारियों की जान को जोखिम में डालने वाले संयुक्त संचालक व अधीक्षक डॉ. विनित जैन को तत्काल पद से हटाते हुए उनके कार्यकाल की जांच किया जाए.
  • नवीन पेंशन योजना (एन.पी.एस.) को बंद कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए.
  • संचालक चिकित्सा शिक्षा/संचालक स्वास्थ्य सेवाएं/संचालक आयुष अधिष्ठाता/ संयुक्त संचालक, अधीक्षण, संभागीय/जिला स्तर की पदोन्नति तत्काल किया जाए और समयसीमा निर्धारित किया जाए.
  • 1989 के पूर्व सीधी भर्ती से नियुक्त ड्रेसरों को समयमान वेतन एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाएं के समिति द्वारा पदनाम परिवर्तन के लिए अनुमति प्रदान किया जाए.
  • डॉ. विनित जैन अधीक्षक डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय द्वारा ठेकेदार राज बोथरा (जैन बंधु) से मिलकर अवैध रूप से बिना निविदा के ठेके पर देकर 12-15 वर्षों से अलग-अलग ठेकेदार के अधीन कार्यरत लगभग 100 सफाई कर्मियों को शासन/प्रशासन, स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह कर गलत जानकारी देकर निकाले गए को पुनः ठेके पर रखे जाने के लिए उचित निर्देश दिया जाए, क्योंकि इस कोरोना काल में उनके परिवार के बीच विषम आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है.
  • शासन स्तर पर लंबित संचालनालय स्वास्थ्य सेवा/चिकित्सा शिक्षा/आयुष विभाग के नर्सिंग संवर्ग पैरामेडिकल एवं अन्य संवर्गों के वेतन विसंगति दूर किया जाए. प्रकरण शासन स्तर पर लंबित है.
  • 1997 के पूर्व स्वीकृत पदों पर कार्यरत अंश कालीन स्वछकों को पूर्ण कालिक कर नियमित किया जाए.
  • नव नियुक्त डिग्री और डिप्लोमा धारी स्टाफ नर्सा को अविभाजित म.प्र. से मिल रहे चार एवं तीन अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए. म.प्र. में अभी भी मिल रहा है. प्रकरण वित्त विभाग में लंबित है.