सुप्रिया पांडे,रायपुर। राजधानी में जारी कोरोना लॉकडाउन की बीच दो दिन राखी की दुकानों की खोलने की अनुमति दी गई है. भाई-बहन के अटूट रिश्तों का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व के लिए राखी की दुकानें तड़के सुबह से 10 बजे तक खोली गईं. छत्तीसगढ़ स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार की गई राखियों से बाजार गुलजार हो उड़ा है. स्टॉल में रंग बिरंगी स्वदेशी राखियां नजर आईं. कुछ देर के लिए ही सही, लेकिन खरीदारी बढ़ने से बाजारों की रौनक दिखाई दी. लोग भी चीनी सामान के बहिष्कार के साथ ही बाजार में देशी राखियां खरीद रहे है. राखियों को लेकर ग्राहकों ने भी खुशी जाहिर की और कहा कि सही दाम पर राखियां बेची जा रही है.

स्वसहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि बड़ी मेहनत से राखियां तैयार की गई है. गेंहू, धान, फलों और सब्जियों की बीजों से राखियां निर्मित की गई है. जिसमें काफी समय लगा है. जिला प्रशासन की तरफ से दो दिनों की छूट दी गई है. इस अवसर पर हमने भी स्टाल लगाया है और राखियां बेची जा रही है.

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खरीददारों का कहना है कि काफी अच्छी-अच्छी और खूबसूरत राखियां मिल रही है. हमने कभी सोचा नहीं था कि इस तरह की राखियां मिल रही है. आज लॉकडाउन के दौरान जो छूट दी गई है. उस दौरान हम आज बाजार में मौजूद है और राखियां खरीद रहे हैं. दूसरे खरीददार का कहना है कि हमने पहली बार देशी राखियां खरीदी है. हम इससे पहले चाइना राखी खरीदते थे, लेकिन ये राखियां काफी खूबसूरत है. इन राखियों में मौजूद बीज से पर्यावरण को भी लाभ होगा.