सत्यपाल सिंह,रायपुर। राजधानी के स्मार्ट सिटी कार्यालय में उस वक्त नेता और अधिकारी के बीच तू-तू मैं-मैं होने लग गई, जब भाजपा पार्षद दल अफसर से मिलने पहुंचे. अपर प्रबंध संचालक प्रभात मलिक ने बीजेपी पार्षदों से मिलने से मना कर दिया. इसी बीच नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मिनल चौबे और अपर प्रबंध संचालक प्रभात मालिक के बीच जमकर बहस हुई. भाजपा पार्षद दल शहर में स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कामों और खर्चे की जानकारी लेने पहुंचा था. नेता प्रतिपक्ष ने 8 सवालों का लेटर देकर जवाब मांगा है.

नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने स्मार्ट सिटी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बगैर जनता, जन प्रतिनिधियों की राय लिए मनमाने ढंग से तितर-बितर काम के नाम पर दिखावा हो रहा है. अपने मूल काम को छोड़कर बाकी सभी काम कर रहे हैं. जो कि स्मार्ट सिटी के दायरे में नहीं है. इसलिए इनकी मनमानी को रोकने के लिए आज भाजपा पार्षद दल ने 8 सवालों का पत्र स्मार्ट सिटी को दिया है. उसका जवाब मांगा गया है, ताकि किए गए बंदरबांट का उजागर हो सके.

जनप्रतिनिधि जब मिलने के लिए पहुंचे, तो अधिकारी मिलने के लिए तैयार नहीं थे. हम अड़े रहे, फिर अधिकारी मिले. बंद कमरे में अपने कंसल्टेंट से ओपिनियन लेकर ख़ाली ज़मीनों पर धरोहरों को तोड़कर काम कर रहे हैं, वो तो बात करने से घबराएंगे ही. शहर को सुन्दर और सुविधा जनक कैसे बनाया जाए, यह बात कंसल्टेंसी एजेंसी से ज्यादा बेहतर आम जनता बता सकती है. रायपुर शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ऐसे कार्य किए जा रहे हैं, जिससे जनता को कोई ठोस सुविधाएं नहीं मिल रही है.

ये हैं वो 8 सवाल

  • स्मार्ट सिटी के तहत होने वालों का कार्यों का निर्णय कौन करता है ? शहर में रहने वाली जनता की मूलभूत आवश्यकता क्या है, यह कौन जिम्मेदार तय कर लेता है ?
  • पिछले दो वित वर्षों में जो 200 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी को मिले, उसमें कौन-कौन से कार्य कराए गए ?
  • विद्यामान निर्णय कलाओं से हम यह जानना चाहते हैं कि शहर के धरोहर चौक-चौराहों को तोड़कर उसमें पानी की तरह पैसा बहाकर स्वरूप बदलना क्या यही स्मार्ट सिटी की परिकल्पना है ?
  • हमारी जानकारी में यह है कि स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत पर्याप्त पानी की आपूर्ति, निश्चित बिजली आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समेत स्वच्छता कुशल शहरी गतिशीलता, सार्वजनिक परिवहन, डिजिटली करण, सुशासन, टिकाऊ, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा यह स्मार्ट सिटी की प्राथमिकता है. विगत 2 वर्षों में इन क्षेत्रों में आपकी क्या उपलब्धि है ?
  • काविड़ के दूसरे चरण में स्मार्ट सिटी के द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए कौन-कौन से कार्य किए गए. कितना सुखा राशन कहां और किस माध्यम से वितरित किये गये ?
  • बूढ़ातालाब गार्डन, जयस्तंभ चौक, OCM चौक राजीव गांधी चौक में कितनी राशि का भुगतान सिविल वर्क और कितनी राशि का भुगतान विदयुतीकरण वर्क के लिए हुआ है ?
  • बूढ़ातालाब गार्डन का गेट और कलेक्टर ऑफिस के पीछे के गार्डन का गेट दोनों के लिए कितनी राशि का भुगतान किया गया है ?
  • द पीपुल पावर्ड स्मार्ट सिटी, रायपुर स्मार्ट सिटी की मूल अवधारणा यही है, जिसका अर्थ है कि जनता की सहभागिता से शहर को स्मार्ट बनाया जाएगा. बावजूद इसके क्या कारण है कि स्मार्ट सिटी के द्वारा होने वाले कार्यों के लोकार्पण से और उनकी जानकारी देने से शहर के चुने हए जन प्रतिनिधियों को दूर रखा जाता है ?

स्मार्ट सिटी में बिना टेंडर के ही करोड़ों के काम ठेकेदारों से करवा लिया जाता है. उसके बाद टैंडर की प्रक्रिया की जा रही है. रायपुर बूढ़ातालाब के सौंदीकरण के नाम पर भी बिना टेंडर के काम कराए गए. एक ही टाइप के कार्यों को छोटी-छोटी राशि का दर्शाकर करोड़ों का काम किया जा रहा है. रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत मिलने वाली राशि का बिना टेंडर दुरुपयोग किये जाने को लेकर शहर की जनता के मन में गहरा रोष और आक्रोश व्याप्त है. इन सवालों का जवाब दिया जाए.

https://youtu.be/kbOibKILLKI

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