रायपुर- दोनों हाथों को बांधकर, तालाब में डूबा देंगे और कहेंगे कि फर्स्ट आना है, तो ये कैसे संभव है ! दरअसल रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे आज जब मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह से मिले, तो यहीं वो अल्फाज थे, जिन्हें सुनकर सूबे के मुखिया ने उन तमाम बुनियादी समस्याओं को पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसकी फेहरिस्त लेकर प्रमोद दुबे उनसे मिलने पहुंचे थे. महापौर प्रमोद दुबे ने मुख्यमंत्री से मुलाकात अपने एमआईसी सदस्यों के साथ की.
प्रमोद दुबे ने मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह को बताया कि रायपुर नगर निगम अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है. ना तो टाउन एंड कंट्री अफसर हैं और ना ही रेवेन्यू अफसर. निगम के कामकाज के लिए टेंडर जारी करने वाला सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर भी नहीं है और तो और चेक पर दस्तखत करने वाले फाइनेंस अफसर के नहीं होने से निगम के सारे भुगतान ठप्प पडे हए हैं. दुबे का कहना है कि सरकार अवैध निर्माण को नियमित करने का बड़ा अभियान चला रही है, लेकिन रेवेन्यू अफसर के नहीं होने से फाइल की संख्या बढ़ती जा रही है. टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अफसर के नहीं होने से निर्माण की अनुमति देना ठप्प हो गया है.
दुबे ने का कहना है कि पानी सप्लाई के लिए फिल्टर प्लांट में एक ही अधिकारी है और वो भी अपनी पत्नि के नाम टैंकर चलवा रहा है. महापौर की दलील है कि ऐसी नौबत ज्यादातर अधिकारियों के रिटायर हो जाने की वजह से बनी है. अधिकारी रिटायर तो हो गए, लेकिन उनकी जगह शासन से नई पदस्थापना नहीं की गई.
छोटे जनप्रतिनिधियों को दबाया जाता है- प्रमोद दुबे
इधर महापौर प्रमोद दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम छोटी इकाई होती है, लिहाजा बड़े नेता-मंत्री निगम के छोटे जनप्रतिनिधियों को दबाते हैं. जबकि प्रोटेक्ट करने की जरूरत है. प्रमोद दुबे का ये इशारा नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल को लेकर था. महापौर ने अमर अग्रवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अक्सर आरोप लगता है कि रायपुर नगर निगम राजनीति करती है, लेकिन लोग इससे वाकिफ है कि राजनीति कौन करता है? उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में बिलासपुर क्यों नहीं आया? क्यों सफाई के मामले में बिलासपुर का स्थान 149 वें नंबर पर है? प्रमोद दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री ये बात बखूबी जानते हैं कि अमर अग्रवाल का राजधानी को लेकर कितना लेना-देना है.