Raipur Nagar Nigam News: प्रतीक चौहान. रायपुर. प्रॉपर्टी टैक्स में ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम लागू करने के बाद नगर निगम अपनी दुकानों के किराये की वसूली के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू कर रहा है. निगम को अपनी 4 हजार दुकानों से लगभग 7 करोड़ रुपये का किराया हर साल मिलता है. बरसों से इन दुकानों का भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया. इन दुकानों के किरायेदारों ने अपने कारोबार अनुरूप इन दुकानों में भी फेरबदल कर दिया. निगम में अब म्यूनिसिपल बॉन्ड लागू करने से पहले इस साल कम से कम 400 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया है.

इसी के कवायद में नगर निगम अपनी किराये के दुकानों के भुगतान में यह सिस्टम लागू कर रहा है. राजस्व विभाग अधिकारियों ने बताया कि सिस्टम लागू करने से पहले 4 हजार दुकानों में से 2 हजार 35 दुकानों का भौतिक सर्वे करा लिया गया. शेष अन्य दुकानों का सर्वे होने के बाद इसे सॉफ्टवेयर में अपलोड कर दिया जाएगा. अभी तक दुकान का किराया लेकर दुकानदारों को रसीद दी जाती थी, अब ऐसा नहीं होगा. इसमें दुकान का क्षेत्रफल और वहां चल रहे किराया दर के अनुसार किराया तय होगा. इसके लिए किरायेदारों का नवीनीकरण एवं शुल्क में वृद्धि आदि प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. बताया गया कि इस प्रक्रिया से निगम को किराये की दुकानों से ही लगभग 10 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.
गैर मूल्यांकित प्रॉपर्टी बैठक में सर्वे का आदेश
निगम आयुक्त विश्वदीप ने राजस्व अमले की बैठक लेकर शहर में सभी गैर मूल्यांकित प्रॉपर्टी का सर्वे करके वार्डवार सूची तैयार करने आदेश दिया. इस बैठक में अपर आयुक्त यूएस अग्रवाल, उपायुक्त डॉ. अंजलि शर्मा और जसदेव सिंग बांबरा और आईटी विशेषज्ञ रंजीत रंजन सहित सभी जोन का राजस्व अमला उपस्थित था. इस बैठक में आयुक्त ने सभी 70 वाडों में राजस्व निरीक्षकों और सहायक राजस्व निरीक्षकों को नियमानुसार सम्पति कर निर्धारण कार्य हेतु सर्वे करने के निर्देश दिए.
ओपन प्लाट में 16 हजार प्रापॅर्टी है ब्लॉक
शहर में ओपन प्लाट मालिकों से टैक्स वसूली में सख्ती की कवायद भी अब शुरू हो चुकी है. अभी 36 हजार 387 ओपन प्लाट में से निगम में अपडेट प्रॉपर्टी की संख्या 19 हजार 752 है, वहीं 16 हजार 635 प्लाट ऐसे हैं, जिनके मालिक किसी कारणवश प्रॉपर्टी टैक्स पटाने से छूट गये हैं. इन सभी प्लाट को खंगालकर अपडेट करने के लिए जोन के राजस्व अमले को निर्देश दिया गया है.