सत्या राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर का बूढ़ापारा आउटडोर स्टेडियम इस वीकेंड मोटरस्पोर्ट्स के जुनून से सराबोर है। यहां चल रही नेशनल सुपरक्रॉस बाइक रेसिंग चैंपियनशिप का आज रविवार को फाइनल राउंड आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के दिग्गज बाइकर्स अपनी गति, संतुलन और साहस का ऐसा प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित कर रहे है।
बता दें कि 8 नवंबर से शुरू हुई यह चैंपियनशिप “सेफ रेसिंग, सेफ राइडिंग” की थीम पर आयोजित की गई। आयोजन का उद्देश्य युवाओं में रेसिंग को एक सुरक्षित खेल के रूप में बढ़ावा देना है।
भारत और विदेश से आए 122 बाइकर्स
इस बार के आयोजन में देश के शीर्ष राइडर्स के साथ-साथ विदेश से भी कई नामचीन बाइकर्स शामिल हुए है। कुल 122 राइडर्स ने इस रोमांचक मुकाबले में हिस्सा ले रहे है, जिनमें 12 खिलाड़ी छत्तीसगढ़ से है। यह रायपुर में सुपरक्रॉस बाइक रेसिंग का तीसरा आयोजन है। इससे पहले 2012 और 2022 में भी इस इवेंट का सफल आयोजन किया जा चुका है।
हवा में उड़ती बाइक्स, दर्शक हुए रोमांचित
फाइनल राउंड में राइडर्स ने मिट्टी के ऊंचे-ऊंचे टीलों पर अपनी बाइक्स को 20 फीट तक हवा में उड़ा रहे है। वहीं दर्शक हर छलांग पर तालियों और सीटियों से उत्साह बढ़ाते नजर आ रहे है। आयोजन के लिए आउटडोर स्टेडियम को एक मिनी मोटर ट्रैक में तब्दील किया गया है, जिसमें तीखे मोड़, ऊंचाई और उतार के साथ सुरक्षित लेआउट तैयार किया गया है।
कर्नाटक के रेसर इमरान पाशा बोले — “यह स्टंट नहीं, असली रेस है”
कर्नाटक के अनुभवी बाइक रेसर इमरान पाशा ने कहा, “बहुत लोग इसे स्टंट समझते हैं, लेकिन यह असली बाइक रेस है। नेशनल सुपरक्रॉस चैंपियनशिप में कुल 6 राउंड होते हैं, लेकिन रायपुर में 4 राउंड का आयोजन किया जा रहा है। रायपुर के लिए यह गर्व की बात है। यहां की जनता को ऐसा लाइव मोटरस्पोर्ट्स इवेंट देखने का मौका मिल रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं पिछले 13 साल से रेसिंग कर रहा हूं। रायपुर का ट्रैक शानदार है। फिटनेस इस खेल का सबसे अहम हिस्सा है। यहां का मौसम भी उम्मीद से बेहतर और ठंडा है, जिससे रेसिंग का मजा और बढ़ गया।”
आयोजन का उद्देश्य- सुरक्षित रेसिंग संदेश
छत्तीसगढ़ मोटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उज्ज्वल दीपक ने बताया कि इस आयोजन का मकसद युवाओं को यह संदेश देना है कि रेसिंग सड़क पर नहीं, ट्रैक पर खेल के रूप में की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमारा संदेश साफ है- रेसिंग एक स्पोर्ट है, अपराध नहीं। अगर रेसिंग करनी है तो ट्रैक पर आकर हेलमेट पहनिए, नियमों का पालन कीजिए और प्रोफेशनल माहौल में खेलिए। रायपुर और नया रायपुर की सड़कों पर रेसिंग करना खतरनाक है। सोनपुर पाटन में एक रेसिंग ट्रैक भी है, जहां युवाओं को प्रैक्टिस कराई जाती है।”
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
आयोजन समिति ने बताया कि कार्यक्रम में सेफ्टी गाइडलाइन्स का विशेष ध्यान रखा गया। ट्रैक पर मेडिकल टीम, रेस मार्शल्स, और इमरजेंसी सर्विसेज मौजूद थीं। सभी राइडर्स को मानक सुरक्षा गियर पहनना अनिवार्य किया गया था।
रायपुर बन रहा मोटरस्पोर्ट्स का नया हब
रायपुर में तीसरी बार आयोजित यह चैंपियनशिप न केवल राज्य के खेल प्रेमियों के लिए उत्साह का केंद्र बन रही है, बल्कि इससे छत्तीसगढ़ को मोटरस्पोर्ट्स के नक्शे पर एक नई पहचान मिल रही है। रफ्तार, रोमांच और जिम्मेदारी का यह संगम दर्शकों के लिए यादगार बन गया है। हवा में उड़ती बाइक्स और मिट्टी पर दौड़ती मशीनों के बीच रायपुर ने एक बार फिर साबित किया- “स्पीड तब ही खूबसूरत लगती है, जब वो सुरक्षित होती है।”
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