रायपुर। सड़क दुर्घटना में सिर पर चोट लगने से ब्रेन डेड घोषित 18 वर्षीय आर्यन्स आदिल की मौत के बाद उनकी दोनों किडनी, लीवर और आंखों के कॉर्निया ने पांच लोगों को नई जिंदगी दे दी. आर्यन्स आदिल को इन अंगों की बदौलत पांच लोग और उनके परिजन ताउम्र शुक्रिया अदा करेंगे. यह भी पढ़ें : निकाय चुनाव में BJP को झटका : भाजपा प्रत्याशी ने वापस लिया नामांकन, कांग्रेस कैंडिडेट निर्विरोध निर्वाचित

चंगोराभाठा निवासी यह 18 वर्षीय युवक 29 जनवरी की शाम जेईई नीट की परीक्षा देकर अपने घर लौट रहा था. तभी वह सड़क हादसे का शिकार हो गया. उसे कोटा में स्थित सुयश अस्पताल में भर्ती किया गया. सिर पर गहरी चोट के कारण तीन दिन इलाज के बाद एक फरवरी को चिकित्सकों ने आर्यन्स को ब्रेन डेथ घोषित कर दिया. युवक के पिता असीम कुमार और माता श्रीमती वर्षा आदिल ने अपने बेटे की जिंदगी को व्यर्थ न जाने देने के लिए अंगदान की इच्छा जाहिर की.

माता-पिता के इस बड़े फैसले के बाद ब्रेन डेड आर्यन्स को तुरंत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रॉमा इमरजेंसी यूनिट में शिफ्ट किया गया. प्रो. डॉ. देवेंद्र त्रिपाठी और उनकी टीम ने तत्परता से निश्चेतना विभाग, यूरोलॉजी विभाग और किडनी विभाग के चिकित्सकों के साथ मिलकर ऑर्गन्स निकालने का इंतजाम किया.

इसके चलते युवक की एक किडनी और लीवर रामकृष्ण केयर अस्पताल तथा एक किडनी और आंखों के दोनों कॉर्निया एम्स के नेत्ररोग विभाग को दिये गये. राज्य ऑर्गन आर्गेनाइजेशन (सोटो) के अध्यक्ष डॉ. विनित जैन और राज्य के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि इस अंगदान में मुख्य भूमिका युवक के माता-पिता की रही, जिसके चलते पांच लोगों को नई जिंदगी मिल गई.

भिलाई की युवती की जान बची

आर्यन्स के अंगदान के चलते भिलाई की 26 वर्षीया युवती को एक किडनी मिल गई. इस युवती की दोनों किडनी खराब हो चुकी थी. उनके घरवालों ने एक किडनी देकर युवती की जान बचाने की कोशिश की, लेकिन वह भी सफल नहीं हुई. इलाज के लिए वह एम्स में आई और दो साल से डायलिसिस पर थी. आर्यन्स की एक किडनी उस युवती को दी गई. वहीं रामकृष्ण केयर अस्पताल में 21 वर्षीय युवक को दूसरी किडनी मिली. डॉ. जैन ने बताया कि लीवर ट्रांसप्लांट भी केयर अस्पताल में हो रहा है.

प्रदेश में तीन सालों में हुआ 11वां अंगदान

राज्य में अंगदान कानून लागू होने के बाद लगभग तीन साल में ही यह 11वां और एम्स में केडेवर किडनी का छठवां ट्रांसप्लांट हुआ है. डॉ. जैन ने कहा कि लोगों को इस ऑर्गन अंगदान के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूकता अभियान की जरूरत है. इससे जरूरतमंद मरीजों को राहत मिलेगी. वे नई जिंदगी शुरू करके अपने व परिवार के साथ ही समाज के लिए अपना योगदान दे पाएंगे.