Raipur News: रायपुर. राजधानी के दो दर्जन से ज्यादा बार-रेस्टोरेंट और होटलों में पिछले दो दिनों में पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने दबिश दी. दबिश के दौरान बार-रेस्टोरेंट से शराब व बीयर की बोतल बेचे जाने की पुष्टि हुई, जिसकी शिकायत लंबे समय से मिल रही थी. इस दबिश में बड़े स्टार होटल, रेस्टोरेंट व बार शामिल हैं, जिनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. मालूम हो कि नियमानुसार बार-रेस्टोरेंट और होटल को स्नैक्स, भोजन के साथ शराब पिलाने का लाइसेंस मिला है, न कि बेचने का, लेकिन अधिकांश बार-रेस्टोरेंट व होटलों में रातभर सील टाइट बोतल महंगे दाम पर बेची जा रही है. यह काम अमूमन बार-रेस्टोरेंट, होटल बंद होने के बाद पिछले दरवाजे से हो रहा है, जो रातभर चलता है, जिसकी लंबे समय से शिकायत मिल रही थी.

इसी कड़ी में पुलिस और आबकारी विभाग ने गत शुक्रवार 27 जून को सूर्या बार, होटल ओलिव, सेंट्रल पाइंट, महिंद्रा और ली रॉय में दबिश दी. सूर्या वार निर्धारित समय के बाद भी खुला मिला और पांचों बार-रेस्टोरेंट शराब-बीयर की बिक्री करते पाए गए. इसी कड़ी में दूसरे दिन शनिवार 28 जन को फिर एलोरा इशिका और सुधा रीजेंसी में दबिश दी गई. यहां भी शराब की बिक्री पकड़ी गई. एक होटल को-पाइको में बिना लाइसेंस के ही शराब पिलाते पकड़ा गया. इस तरह चारों होटलों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया. इसके अलावा भी राजधानी के कोर्टयार्ड मैरियट, होटल पुनीत, सेंट्रल पॉइंट, आदित्य, विनार, सवेरा, सालिटायर, मयूरा, सतलज, आर्किड, कोया, जूक, एल्सव्हेयर, हाइपर क्लब, धूम्स विलेज और वीआईपी रोड के अन्य होटल-रेस्टोरेंट की जांच की गई. इन होटलों में भी बिक्री और गड़बड़ियां पाई गई हैं, जिस पर विभागीय प्रकरण दर्ज किया गया है. इसमें होटल कोर्टयार्ड मैरिएट के बार में निरीक्षण पुस्तिका और स्टॉक रजिस्टार प्रस्तुत नहीं किया गया और निर्धारित समय के बाद भी बार खुला रहा, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई.

आउटर के ढाबों में भी दबिश की जरूरत

जिन बार रेस्टोरेंट में खुलेआम महंगी कीमत पर शराब-बीयर की बिक्री की जा रही थी, इसकी शिकायत लंबे समय से मिल रही थी. अमूमन युवा देर रात बार-रेस्टोरेंट से महंगी कीमत में शराब खरीदकर कार में ही पीते पाए जाते हैं. इसके अलावा शहर के आउटर में ढाबों में देर रात तक युवाओं की भीड़ देखी जा सकती है, जो ढाबों के बाहर पहले शराब-बीयर का सेवन करते हैं, फिर खाना खाने ढाबों में जाते हैं. यह नजारा अब आम हो चुका है. इसमें अधिकांश बाहर से पढ़ने आए युवक और युवतियां भी शामिल हैं.