रायपुर. रेस्ट हाउस में चाय-पानी पिलाने के लिए मंदिर हसौद से स्टॉफ को रायपुर बुलाने के मामले में रेलवे ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया है. रेलवे ने कहा है कि ऑफिस काम के लिए कर्मचारी नियुक्त किया गया था. नामित अधिकारी वाणिज्यिक विभाग रायपुर मंडल के प्रमुख हैं और यहां पदस्थापना के बाद उन्होंने रेल मदद मामलों को प्राथमिकता के आधार पर हर संभव सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. समय पर आधिकारिक जानकारी एकत्र किया जाता है, ताकि प्रत्येक पहलू से अवगत हो सके.
रेलवे के मुताबिक, हमारे कार्यालय से एक कर्मचारी को सुबह और शाम के समय दो बार दैनिक स्थिति भेजने के लिए आवश्यकतानुसार नियुक्त किया गया था. वाणिज्यिक विभाग सार्वजनिक व्यवहार में संलिप्त है और नियमित अवधि पर डाक से प्राप्त हुए पत्र और दैनिक विभिन्न इनपुट के साथ कई पत्राचार से निपटान करना होता है, जो समय सीमा पर किए जाने के उद्देश्य से एवं कमाई और सेवाओं दोनों की दृष्टि को समानांतर रूप से ध्यान में रखा गया था. रेल अधिकारी का कर्तव्य 24 घंटे का होता है. आपातकाल स्थिति में ऑफिसर्स के उपलब्ध स्थान से भी कार्य को पब्लिक सुविधा सुचारू रूप से चलने के लिए आदेश दिया जा सकता है.
रेलवे के मुताबिक, चक्रचारी एक ग्रुप D (MTS) कर्मचारी है. इनका कार्य वाणिज्य नियंत्रक कार्यालय एवं वरि. नं. वा. प्र. कार्यालय से डाक पैड एवं मार्निंग पोजीशन सीनियर डीसीएम तक पहुंचाने का भी है. जरूरत पड़ने पर बीफ करने वाणिज्य विभाग के अधिकारीयों, कर्मचारियों को भी शासकीय कार्य के लिए लगातार जाना रहता है. नए सीनियर डीसीएम ने रेस्ट हाउस में चाय पिलाने के लिए स्टॉफ को मंदिर हसौद से नहीं बुलाया था.
छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक