रायपुर. शातिर ठग लोगों को ठगी के शिकार बनाने नए-नए पैतरे अपना रहे हैं. ताजा मामला शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने का आया है. रायपुर रेंज साइबर थाना की टीम ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों के खिलाफ कई राज्यों के 16 से अधिक थानों में ठगी की रिपोर्ट दर्ज है.

50 लाख की ठगी का मामला

रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के निर्देश पर साइबर अपराधों में तकनीकी साक्ष्य जुटाकर आरोपियों की धरपकड़ की गई. प्रार्थी उमाकांत वर्मा ने थाना गुढियारी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का झांसा देकर उनसे 50 लाख रुपये की ठगी की गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी की. पुलिस ने टीम बनाकर आरोपी गोपाल अग्रवाल (उम्र 20 वर्ष) निवासी खरसिया, रायगढ़, वर्तमान में शंकर नगर, रायपुर और प्रतीक जैन (उम्र 22 वर्ष) निवासी मितान विहार, दलदल सिवनी, मोवा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

फर्जी कंपनियां और बैंक खातों का जाल

जांच में पता चला है कि आरोपी गोपाल अग्रवाल ने फर्जी कंपनी बनाकर बैंक खातों का संचालन किया और प्रतीक जैन की मदद से पीड़ित से रकम जमा करवाई. इनके बैंक खातों में कई राज्यों के पीड़ितों की रकम जमा होने के प्रमाण मिले हैं.

जानिए साइबर ठगी से कैसे बचें

  •  कभी भी अनजान कॉल या मेसेज पर OTP शेयर न करें।
  • अनजान नंबर से आने वाले मेसेज, ऑडियो और विडियो कॉल से बचना है। कॉल करने वाले को तुरंत ब्लॉक करना है। फिर भी अगर परेशान करता है तो इसकी रिपोर्ट पुलिस को जरूर करनी है।
  • भारतीय कानून में ‘डिजिटल अरेस्ट’ नाम की कोई चीज नहीं है। यह साइबर धोखाधड़ी का तरीका है। इसमें जालसाज पुलिस / खुफिया अफसर बनकर फोन (या ऑनलाइन कम्यूनिकेशन से) गिरफ्तार करने का झूठा दावा करते हैं। मकसद पीड़ित को यह यकीन दिलाना है कि वह किसी अपराध में शामिल है और आखिर में उससे बड़ी रकम ऐंठते हैं। अगर आपको ऐसे कॉल आए तो डरें नहीं। जिन नंबरों से CBI, ED, पुलिस के नोटिस भेजे गए हों, उन नंबरों को ब्लॉक करें।
  • बिल अपडेट न होने के कारण आज रात बिजली / गैस ऐसे कनेक्शन कट जाएगा, इस साल ऐसे मेसेज ने लोगों से साइबर फ्रॉड किए, मगर अब ठान लें कि ऐसे मेसेज इग्नोर करेंगे। ज्यादा हो तो हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर लें।
  • AI की मदद से किसी की भी आवाज की नकल की जा सकती है। इसमें एक खास सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होता है, इसलिए वॉयस क्लोनिंग से सावधान रहना बेहद जरूरी है। वॉयस क्लोनिंग का सबसे बड़ा खतरा यह है कि धोखाधड़ी करने वाले लोग किसी की आवाज की नकल करके फ्रॉड कर सकते हैं।