हेमंत शर्मा, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बीते साल की तुलना में अपराध में 12 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है. हत्या, अपहरण, लूट, बलात्कार जैसे अपराधों की संख्या लगातार बढ़े हैं. ऐसे में स्मार्ट और बेहतर पुलिसिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सवाल ये कि क्या अपराध पर नियंत्रण लगा पाने में पुलिस नाकाम रही है. आखिर जहाँ पर पूरी सरकार बैठी वहाँ आपराधिक घटनाओं में वृद्धि कैसे हो रही है ?

इन सवालों का जवाब जानने से पहले आप 2018 और 2019 के बीच एक साल के आंकड़ें को जानिए जिन्हें रायपुर पुलिस ने ही जारी किया है.
हत्या – 2018 में  59 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 73 तक पहुँच गया.
बलात्कार- 2018 में 222 घटनाएं हुई थी, लेकिन 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर  254 तक पहुँच गया.
लूट- 2018 में 79 घटना हुई थी, लेकिन 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 86 तक पहुँच गया.
छेड़खानी- 2018 में 189 अपराध दर्ज हुए थे, लेकिन 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 221 तक पहुँच गया.
अपहरण- 2018 में 402 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 445 तक पहुँच गया.
नकबजनी- 2018 में 521 घटनाएं हुई, लेकिन 2019 यह आंकड़ा बढ़कर 583 पहुँच गया.
आर्म्स एक्ट- 2018 378 मामले सामने आएं थे, लेकिन 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 524 पहुँच गया.
हालांकि अच्छी बात ये रही कि इस चाकूबाजी की घटना बीते वर्ष की तुलना में कुछ कम रही है. 2018 में चाकूबाजी की 141 घटनाएं हुई थी, लेकिन 2019 में 139 घंटनाएं हुई. वहीं 2019 में डकैती की एक भी घटना राजधानी में नहीं हुई.

वहीं इन आंकड़ों के बीच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ़ शेख़ ने कहा कि हमारी पुलिस ने कई बड़े मामलों को सुलझाने का काम किया है. कई घटनाओं में तत्काल सफलता मिली है. हमने 10 से अधिक नवाचार के काम किए हैं. विशेषकर हेलमेट को लेकर जो जागरूरता अभियान चलाया उसका व्यापक असर राजधानी में दिखा है.

उन्होंने कहा कि रायपुर जिले में 700 पुलिस बल की कमी है. इसे पूरा करने विभाग को प्रस्ताव दिया गया है. वहीं 2019 में 647 पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. 120 की निंदा हुई, 14 की वेतन वृद्धि रोकी गई है, जबकि 4 एसआई और एएसआई को अर्थदंड दिया गया है, वहीं तीन आरक्षकों को किया बर्खास्त किया गया है.

वहीं उन्होंने कहा कि पुराने प्रकरणों को डिटेक्ट करने की कोशिश की जा रही है. पंकज बोथरा हत्याकांड की फाइल फिर से खोली गई है. इस मामले में कई कड़ियाँ जुड़ना बाकी है जिसे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ इस वर्ष महिला कमांडो गठित करने का निर्णय लिया गया है.

हमने सोशल मीडिया के माध्यम से भी जनता से संवाद स्थापित करने का काम किया है. सामुदायिक पुलिसिंग के जरिए भी लोगों की समस्याओं को निवाहरण करने का प्रयास किया है. फेसबुक लाइव के जरिए भी हम फीड हमें मिलते रहा है. हम जनता की सेवा, सुरक्षा के लिए हर क्षण तत्पर है. बढ़ती घटनाओं को रोकना हमारी जिम्मेदारी है. हम अपराधों पर नियंत्रण करने के अभियान सतत् जुटे हुए हैं. हम उम्मीद करते हैं कि समाज की ओर से भी हमे पूरा सहयोग मिलते रहेगा.  समाज के साथ पुसिसिंग को बेहतर किया जा सकता है. जहाँ अपराधों को बढ़ने को लेकर सवाल उठ रहे हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि राजधानी की पुलिसिंग फेल रही है, हमने पूरी चुनौती और मजबूती के साथ काम किया है. पुलिस हमेशा बेहतर काम करने में लगी रहती है. आगे भी अच्छा करेंगे. हर हेड हेलमेट अभियान को जारी रखेंगे. हम चाहेंगे कि जनता की ओर से सुझाव मिलते रहे. जनता की शिकायतों को दूर करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.