शिवम मिश्रा, रायपुर. दुर्ग-भिलाई समेत प्रदेश के कई जिलों में महादेव बुक, रेडी अन्ना 10 के नाम से ऑनलाइन सट्टा संचालित करने वाले गिरोह के सदस्यों का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. शहर में सटोरियों के पकड़े जाने के बाद कई नई जानकारी निकलकर सामने आई है. जिसके बाद पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ जांच तेज कर दी है. ऑनलाइन सट्टा संचालित करने वाले गिरोह के साथ किन-किन लोगों का कनेक्शन था, अब इसकी तफ्तीश की जा रही है. पुलिस के अनुसार ऑनलाइन सट्टे का गिरोह पूरे राज्य में अपना काला कारोबार बिछाने की फिराक में है. जिसके चलते धीरे-धीरे बेमेतरा, राजनांदगांव, बिलासपुर समेत कई जिलों के लोगो को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा था. हालांकि कार्रवाई के बाद पुलिस के हाथों सट्टा संचालन करने वालों के बारे में कई नई जानकारियां मिली है. पुलिस अब इस आधार पर तफ्तीश कर रही है.

गौरतबल है कि बीते दिनों रायपुर और भिलाई में दबिश देकर पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग का संचालन करने वालों के ठिकानों पर कार्रवाई की है. इस पूरी कार्रवाई में रायपुर से 23 और उनकी निशानदेही में भिलाई से 2 आरोपी दबोचे गए. लेकिन पुलिस अब कई सटोरियों की लंबी फेहरिस्त तैयार कर उनकी तलाश में जुट गई है. दरअसल, गिरफ्तार अरोपियों के मोबाईल फोन, लैपटॉप और अन्य उपकरणों से पुलिस को दो दर्जन से ज्यादा मोबाइल नंबर ऐसे मिले हैं, जो इंडिया के है तो, लेकिन वो मोबाइल नंबर दुबई के अलावा अन्य कई राज्यों में रोमिंग है. जिसकी सूची पुलिस ने अब तैयार कर ली है.

दुबई के फेयरमोंट होटल में बना 3 साल का जश्न

पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक दुबई में बीते दिनों सक्सेस पार्टी रखी गई थी. इस पार्टी में फिल्मी सितारों के साथ-साथ देशभर के नामी लोग शामिल हुए थे. छत्तीसगढ़ पुलिस के सूत्र बताते है कि प्रदेशभर से बड़ी संख्या में सटोरिए, अधिकारी और नामचीन लोग शामिल हुए थे. हालांकि पुलिस के हाथों कई नाम पहुंच चुके है. जिनकी जानकारी अंदरूनी तरीके से खंगाली जा रही है. कई संदिग्धों के ट्रेवल्स हिस्ट्री समेत अन्य चीजों पर तफ्तीश की जा रही है.

पुलिस को फरार अरोपियों की तलाश

पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस पूरे गिरोह के पीछे कई और बड़े नाम आना बाकी है. जिसकी सूची तैयार की गई है. साथ ही कई संदिग्धों पर नजर भी रखी जा रही है. रायपुर समेत प्रदेशभर में महादेव और अन्ना रेड्डी एप के ऑफिस का होल्डर कौन था और उसके पीछे कितने लोग शामिल थे, इन सभी की तलाश शुरू कर दी गई है. पुलिस के मुताबिक तकनीकी साक्ष्य पर संलिप्त पाए जाने करीबन 2 दर्जन अरोपियों की तलाश की जा रही है. जिसमें ज्यादातर नाम रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर से शामिल हैं.

छापा पड़ने पर बचाव के लिए पूरी तैयारी

पुलिस जब सटोरियों के ठिकानों में छापे की कार्रवाई तो संट्टा संचालित करने काम आने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पांच मिनट के लिए बंद हो गए. इस दौरान दुबई में बैठे सटोरियों के मास्टर माइंड को किसी तरह की अनहोनी होने की आशंका हो गई और सिस्टम पूरी तरह से स्वत: ही लॉगआउट हो गया. साथ ही स्थानीय सटोरियों को सिस्टम खोलने जो यूनिक आईडी नंबर दिया गया था, उसे ब्लॉक कर दिया गया.

पियूष के पीछे कई और हाथ

पुलिस के अनुसार रायपुर में सटोरियों ने 10 दिन पहले ही ऑफिस खोला था. पुलिस को डीडीनगर के इंद्रप्रस्थ कालोनी में संदिग्ध गतिविधि वाले ऑफिस संचालित होने की जानकारी मिली. इसके बाद पुलिस ने पियूष को अपनी निगरानी में रखा. इसके बाद पुलिस ने पियूष को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ की तो उन्हें दो अन्य ऑफिस के बारे में जानकारी मिली. पियूष तीनों ऑफिस की देख-रेख करने वाला ऑफिस चेकर था.

6 से ज्यादा बैंकों में खाता

पुलिस को सटोरियों के पास से करीबन 33 सेविंग अकाउंट के बारे में जानकारी मिली है. साथ ही पुलिस को सटोरियों के मध्यम दर्जे के छोटे बैंक में अकाउंट होने की भी जानकारी मिली है. सट्टे के इस खेल में बैंक प्रबंधन की भूमिका संदेह के घेरे में है. सटोरियों द्वारा अलग-अलग अकाउंट में लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन होते थे. बावजूद इसके बैंक प्रबंधन ने रकम ट्रांसफर के संबंध में अकाउंट होल्डर से पूछताछ क्यों नहीं की ? पुलिस के मुताबिक जिन सटोरियों को रायपुर में गिरफ्तार किया गया है, उन्हें ऑफिस से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. उनके लिए ऑफिस में रहने, खाने और सोने की व्यवस्था की गई थी. ऑफिस से बीच-बीच में व्यवस्था देखने पियूष और दो अन्य को ही निकलने की अनुमति थी.

अपने आप बंद हो जाता था सिस्टम

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर सिटी एवं क्राइम अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि ऑनलाइन सट्टा को लेकर पड़ताल जारी है. सटोरियों के कई और बैंक अकाउंट मिले हैं. कुछ लोगों के दुबई में आयोजित पार्टी में जाने की बारे में जानकारी मिली है, उनके बारे में पड़ताल की जा रही है. कई नामों की सूचना मिली है, जिन पर नजर रखी जा रही है. सटोरियों के पास ऐसा इलेट्रॉनिक सिस्टम था कि पांच मिनट सिस्टम में किसी तरह की हलचल नहीं होने पर अपने आप ही लॉगआउट हो जाता था. सभी बिंदुओं पर जांच जारी है.

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