Raipur Railway News:  प्रतीक चौहान. रायपुर. जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद कई जगहों पर अलर्ट है. लेकिन रायपुर रेलवे स्टेशन में आरपीएफ इस बात को लेकर पूरी तरह निश्चिंत है कि यहां कोई भी असमाजिक गतिविधियां नहीं हो सकती है. यही कारण है कि रायपुर रेलवे स्टेशन से मानो आरपीएफ पूरे तरीके से गायब सी हो गई है.

रेलवे स्टेशन में सफेद हाथी बन कर एक लगेज स्कैनर लगवाया गया है, जिसपर मेंटेनेंस के नाम पर मोटी रकम खर्च की जाती है, लेकिन ऐसा लगता है कि रायपुर रेलवे स्टेशन में इसकी कोई भी जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां न तो स्कैनर से यात्रियों के सामान की कोई जांच करता है और न रेलवे स्टेशन के अतिरिक्त रास्तों को बंद किया जाता है.  

RPF ने निभाई दोस्ती, 12 वेंडर्स के कार्ड लिए फाइन वसूला सिर्फ 4 से

आरपीएफ ने लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद रायपुर रेलवे स्टेशन के टी-स्टॉल से वेंडर्स के तारीख खत्म हो चुके आई कार्ड लिए. ये कार्ड 12 वेंडरों के लिए, लेकिन ऐसा लगता है कि यहां भी आरपीएफ ने दोस्ती निभाई और केवल 4 वेंडर्स से जुर्माना वसूला… बाकी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं. वहीं सीआईबी ने फिर 2 वेंडर्स को पकड़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई. हालांकि आधी-अधूरी कार्ऱवाई के बाद ये सवाल उठता है कि जब 24 स्टॉल के वेंडर्स के आई कार्ड समाप्त हो गए थे तो आधे से जुर्माना वसूला और बाकी को क्यों छोड़ दिया गया ?

Sr.DCM को अवैध वेंडर्स दिखते है, RPF और CI को नहीं

पिछले कुछ दिनों से रायपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम खुद मैदान में यानी रेलवे स्टेशन में जांच और कार्रवाई करते हुए नजर आ रहे है. सीनियर डीसीएम रायपुर और दुर्ग में काफी एक्टिव है. वो बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक रायपुर और दुर्ग रेलवे स्टेशन जांच करने पहुंच रहे है. यही कारण है कि उन्हें तमाम खामिया नजर आ रही है और सीनियर डीसीएम ने मंगलवार को करीब 1 लाख रुपए का जुर्माना भी रायपुर और दुर्ग में अनाधिकृत काम करने वाले स्टॉल पर लगाया. लेकिन सवाल ये है कि दुर्ग और रायपुर रेलवे स्टेशन में पदस्थ कमर्शियल अधिकारी और आरपीएफ को ये सारी खामियां नजर क्यों नहीं आती जो Sr.DCM को दिखाई देती है.

रायपुर और नागपुर रेल मंडल में ‘ऑपरेशन महिला सुरक्षा’ के तहत आरपीएफ ने यात्रियों को किया जागरुक

रायपुर रेल मंडल में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने ‘ऑपरेशन महिला सुरक्षा’ के तहत 18 से 24 अप्रैल 2025 तक विशेष अभियान चलाया. इस दौरान ट्रेनों के महिला आरक्षित कोच में यात्रा करने वाले 98 पुरुष यात्रियों के खिलाफ रेल अधिनियम की धारा 162 के तहत कार्रवाई की गई.

रेलवे बोर्ड के निर्देश पर शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. अभियान के तहत ट्रेनों, यात्री प्रतीक्षालयों और रेलवे परिसरों में जागरूकता के लिए पंपलेट चस्पा किए गए. महिला यात्रियों को सलाह दी गई कि यात्रा के दौरान किसी भी छेड़छाड़ या असुरक्षा की स्थिति में तुरंत रेलवे सुरक्षा बल, शासकीय रेल पुलिस, या टीटीई को सूचित करें. इसके अतिरिक्त, 139 टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज कराने की जानकारी दी गई.

रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. महिला कोच में अनधिकृत पुरुष यात्रियों के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

 नागपुर रेल मंडल: रेलवे सुरक्षा बल ने नुक्कड़ नाटक के जरिए महिला सुरक्षा का दिया संदेश

भारतीय रेलवे, देश की जीवनरेखा के रूप में प्रतिदिन लाखों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य कर रही है, जिसमें बड़ी संख्या में महिला यात्री भी शामिल हैं. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) न केवल रेल संपत्ति की सुरक्षा, बल्कि यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इसी कड़ी में, मंडल सुरक्षा आयुक्त दीप चंद्र आर्य के मार्गदर्शन में नागपुर रेल मंडल ने 18 से 24 अप्रैल 2025 तक ‘महिला सुरक्षा अभियान’ के तहत सभी प्रमुख स्टेशनों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन शुरू किया है. इन नाटकों के माध्यम से महिला यात्रियों को रेल यात्रा के दौरान होने वाले अपराधों, असुविधाओं और उनकी शिकायत दर्ज करने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है. साथ ही, त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को सूचित करने की प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है.

अभियान के तहत महिला सुरक्षा से संबंधित पंपलेट वितरित किए जा रहे हैं, स्टिकर चस्पा किए जा रहे हैं, और समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. RPF द्वारा ‘मेरी सहेली’ और ‘अक्षिता’ जैसी सुविधाएं भी अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं.