रायपुर- वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल ने कहा कि मैं अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ कभी नहीं लिख पाया, और कोई भी लेखक अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ कभी नहीं लिख सकता क्योंकि यदि वह यह सोच ले कि मैंने सर्वश्रेष्ठ लिख लिया तो उन्हें फिर कुछ लिखने की ही आवश्यकता नहीं रहेगी. यह बात रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा आयोजित ‘आनंद साहित्य मड़ई’ में कही. आगे उन्होंने कहा कि वे पाठकों के लिये नहीं लोगों के लिए लिखते हैं.

इस साहित्य मड़ई का शुभारंभ महाधिवक्ता व गांधीवादी चिंतक कनक तिवारी के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल, महापौर प्रमोद दुबे, वरिष्ठ महिला साहित्यकार पुष्पा तिवारी, वरिष्ठ साहित्यकार व्योमेश शुक्ल -निदेशक रूपवानी, सदस्य केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी की मौजूदगी में हुआ. कार्यक्रम में आगंतुकों के स्वागत के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी के एमडी व नगर निगम कमिश्नर शिव अनंत तायल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौरव सिंह भी स्वयं उपस्थित थे.

स्थानीय आनंद समाज सभाकक्ष में ठेठ छत्तीसगढ़ी संस्कृति से सहेजे और रचे बसे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कनक तिवारी ने अपनी लिखी कहानी के माध्यम से ‘बुक से ई बुक तक’ विषय पर अपनी बात रखी, साथ ही अपने मित्र द्वारा लिखी चिट्ठी भी उन्होंने सभी श्रोताओं से साझा कर कहानियों की फैंटसी की शुरुआत की.

कमिश्नर तायल ने कला और साहित्यिक गतिविधियों को आगे लाने शुरू किए गए प्रयासों में सभी की भागीदारी की बात कही. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित व्योमेश शुक्ल ने वर्तमान में कहानियों की स्थिति को दर्शाते हुए कहा कि पाठक की अद्भुत सत्ता का प्रतीक है आलोचक का आस पास साथ होना. कविता के माध्यम से उन्होंने अपनी बात भी रखी. संवाद का प्रश्नोत्तर सत्र भी रखा गया जिसमें श्रोताओं ने अपनी उत्सुकता भरे प्रश्न अतिथियों के सामने रखी.

द्वितीय सत्र में ‘छत्तीसगढ़ में रंगमंच-कल आज और कल’ विषय पर रायपुर के वरिष्ठ रंगमंच कलाकारों द्वारा गंभीर चर्चा की गई, जिसमें अख्तर अली, राजकमल नायक, जलील रिज़वी उपस्थित रहे. सब का मानना था कि धारा के विपरीत चलने का नाम थियेटर है और छत्तीसगढ़ की समृद्ध रंगमंच को युवा पीढी पूरी जिम्मेदारी के साथ उंचाई दे रहे हैं. तृतीय सत्र में युवाओं के मार्गदर्शन हेतु ‘सुनो अपने दिल की’ विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई है, जिसमें पद्मश्री अनूप रंजन पाण्डेय, डॉ. सुधीर शर्मा, पद्मश्री अनुज शर्मा, जया जादवानी बतौर विशेषज्ञ उपस्थित रहे. मड़ई में तेज साहू, कार्तिक पांडेय, संतराम, हरजीत जुनेजा सहित युवा कहानीकारों द्वारा हिंदी और छत्तीसगढ़ी कहानियों की प्रस्तुति दी गई. मड़ई का समापन इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के दिव्यांग छात्रों के संगीतमय प्रस्तुति के साथ हुई. कार्यक्रम में पुरातत्व वेत्ता अशोक तिवारी, नगर निगम के अपर आयुक्त अविनाश भोई, स्मार्ट सिटी के मुख्य वित्त अधिकारीअरविंद मिश्रा सहित रायपुर के अनेक साहित्य और कला प्रेमी उपस्थित रहे. कार्यक्रम के समन्वयक गौरव शुक्ला थे.