अनिल सक्सेना, रायसेन। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है जहां परछाई भी इंसान का साथ छोड़ देती है। जी हां… कहते है कि जब परछाई इंसान का साथ छोड़ दे तो मौत बिल्कुल नजदीक होती है, लेकिन इस जगह पर परछाई कुछ वक्त के लिए इंसान का साथ छोड़ देती है और मृत्यु का डर भी नहीं होता हैं।
हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की। जहां दीवानगंज के पास ‘कर्क रेखा’ नाम से एक स्थल है। बचपन में स्कूलों में हमने जिस कर्क रेखा को भूगोल में पढ़ा और देखा वह कर्क रेखा सलामतपुर के बीच नेशनल हाइवे से गुजरती है। इस जगह पर हर साल 21 जून को दोपहर 12 बजे इंसान का साया यानी परछाई गायब हो जाती हैं।
कर्क रेखा स्थल पर ऐसा इसलिए होता है क्यों कि यहां पर 21 जून को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणे 90 डिग्री लम्बवत पड़ने के कारण वहां खड़े व्यक्ति की परछाईं ही नहीं बन पाती। इसलिए इस जगह को ‘नो शैडो जोन’ भी कहा जाता है। यह स्थल एक सेल्फी पॉइंट बन गया है। यहां पहुंचकर इस अनोखी घटना का अनुभव करना एक सुखद अनुभूति है।
हर साल बड़ी संख्या में लोग इस 21 जून का इंतजार करते हैं और ‘नो शैडो जोन’ में जाकर अपनी परछाई गायब होने का अनुभव करते हैं।आपको बता दें कि कर्क रेखा राजधानी भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है। जहां से यह गुजरती है वह स्थान स्टेट हाईवे 18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के मध्य स्थित है।
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