Raj Thackeray Viral Video: कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी की परंपरा है. मगर मटन हांडी का न्योता मांग कर मनसे चीफ राज ठाकरे बुरे फंस गए हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें जबरदस्त तरीके से ट्रोल किया जा रहा है. राज ठाकरे खुद को हिंदुओं और मराठों के झंडाबदार बताते हैं. हिंदुत्व की दुहाई देते हैं. मगर मुस्लिम वोटों की चाहत में अब वह खुद एंटी हिंदू हो गए हैं. यह आरोप सोशल मीडिया यूजर लगा रहे हैं.

दरअसल, एमएनएस यानी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पदाधिकारी मुनाफ ठाकुर गुरुवार को पार्टी चीफ राज ठाकरे को गोविंदा महोत्सव का निमंत्रण देने पहुंचे थे. जैसे ही मुनाफ ठाकुर ने राज ठाकरे को आमंत्रण पत्र सौंपा, राज ठाकरे ने इसे स्वीकार कर लिया. हालांकि, उन्होंने इस दौरान हंसते-मुस्कुराते हुए एक टिप्पणी की. उन्होंने कहा, निमंत्रण तो मैं केवल मटन हांडी का ही स्वीकार करता हूं.’ हालांकि, उनकी यह टिप्पणी मजाकिया लहजे में थी. इस जवाब के बाद वहां मौजूद लोग भी हंस पड़े. मगर सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया.

कैसे फंस गए राज ठाकरे

इसका वीडियो भी सामने आया. वीडियो में साफ़ दिखाई देता है कि राज ठाकरे हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत कर रहे हैं और MNS कार्यकर्ताओं के साथ गोविंदा महोत्सव की चर्चा कर रहे हैं. मगर सोशल मीडिया पर अब यूजर तरह-तरह की बात कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा- ‘कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी की जगह मटन हांडी? राजनीति अब इतनी गिर चुकी है कि हिंदू संस्कृति पर तंज कसना ही उनका एजेंडा बन गया. वोट बैंक के लिए धर्म बेचना बंद करो.’ दूसरे यूजर ने लिखा- ‘क्या ये सब सच में हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे जी के ही वंशज हैं ना? की हम सब को बना रहा था ये ठाकरे परिवार? एकदम से कोई 180° टर्न कैसे हो सकता हैं?’

यूजर ने कैसे किया ट्रोल

एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, ‘मुझे दही हांडी के लिए आमंत्रित करने के बजाय, मुझे मटन हांडी के लिए आमंत्रित करें. – राज ठाकरे ने जन्माष्टमी का मजाक उड़ाया. ये ठाकरे बंधु अल्पसंख्यक वोट पाने के लिए पूरी तरह से एंटी हिंदू हो गए हैं.’ एक अन्य यूजर ने इसे एपिक डाउनफॉल करार दिया. वहीं, एक यूजर ने लिखा, ‘हद है हिंदू भावनाओं का अपमान करने की. दिए तले अंधेरा ऐसा ही होता है शायद.’

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दही हांडी में फिल्मी हस्तियां भी होती हैं शामिल

महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. दही हांडी की प्रतियोगिता करवाने वाली समितियां अपने यहां कई फिल्मी हस्तियों को भी आमंत्रित करती हैं. इस त्योहार की चमक-दमक इन्हीं कारणों से और भी बढ़ जाती है. इस त्योहार की लोकप्रियता को देखते हुए राजनेता भी आयोजनों में शरीक होते हैं.

दही हांडी का पौराणिक महत्व क्या है?

दही हांडी के पौराणिक महत्व की बात करें तो यह प्रकरण भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था से जुड़ा हुआ है. भगवान कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था. वो घरों में चुपके से घुसकर अपनी मित्र मंडली के साथ सारा माखन चट कर जाते थे. इसी वजह से कृष्ण को माखन चोर कहकर भी बुलाया जाता है. दही हांडी का कार्यक्रम मुरलीधर की इसी लीला को समर्पित है.

मीट बैन का किया विरोध

इससे पहले महाराष्ट्र में मीट बैन विवाद पर राज ठाकरे ने कहा कि सरकार को लोगों का खान-पान नहीं निर्धारित करना चाहिए. राज ठाकरे ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि नगर निकायों को इस तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, ‘सरकार और नगर निकायों को यह तय नहीं करना चाहिए कि किसी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं और हमें क्या खाना चाहिए, यह चुनने की कोई आजादी नहीं है. स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी तरह का प्रतिबंध लगाना एक विरोधाभास है.’

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