Rajasthan Borewell Accident: राजस्थान के कोटपूतली में 23 दिसंबर को बोरवेल में गिरी तीन साल की चेतना को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन आठवें दिन भी जारी है। 170 फीट गहरे बोरवेल तक पहुंचने के लिए सुरंग खोदी जा रही है, लेकिन सॉलिड रॉक के कारण ड्रिलिंग में भारी दिक्कतें आ रही हैं।

एनडीआरएफ प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने बताया कि पत्थर को काटने के लिए चिपिंग हैमर का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक समय पर तीन सदस्य रेस्क्यू में लगे हैं एक पत्थर तोड़ रहा है, दूसरा मलबा बाहर निकाल रहा है, और तीसरा सेफ्टी का ध्यान रख रहा है। टीम अब तक 5 फीट की सुरंग खोद चुकी है और बचाव कार्य पूरा करने की उम्मीद है।
चेतना के परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बच्ची को अभी तक खाना या पानी नहीं पहुंचाया जा सका है। 24 दिसंबर से चेतना में कोई मूवमेंट नहीं दिखा है। अधिकारियों ने अब परिजनों को बच्ची की स्थिति से संबंधित कोई दृश्य या तस्वीर दिखाना बंद कर दिया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए क्षेत्र के विशेषज्ञों और खनन इंजीनियरों की मदद ली गई है। खेतड़ी माइंस के इंजीनियरों ने सुरंग की दिशा और सटीकता की जांच की है। इसके अलावा, एयरफोर्स और बीएसएफ के जवान भी दिशा और एंगल की जांच में शामिल हैं।
चेतना की मां धोली देवी का एक भावुक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह हाथ जोड़कर अपनी बेटी को बचाने की गुहार लगाते हुए दिख रही हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव अभियान में जुटी हैं।
वहीं जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने इसे राजस्थान का सबसे कठिन बचाव अभियान बताया है। प्रशासन ने बताया कि स्थिति बेहद संवेदनशील है, लेकिन टीम पूरी कोशिश कर रही है कि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। बच्ची के लिए दुआओं और प्रार्थनाओं का दौर जारी है।
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