Rajasthan Budget: राजस्थान विधानसभा में बुधवार को पेश किए गए बजट को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी से बड़ा साबित हो रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजस्थान की भाजपा सरकार का बजट एक बार फिर “मोदी की गारंटी” के विपरीत है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट की घोषणाएँ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को झूठा साबित कर रही हैं।

गहलोत ने उदाहरण देते हुए कहा कि 18 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 12,000 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन इस बजट में भी किसानों को केवल 9,000 रुपये ही मिल रहे हैं। इसी तरह, उन्होंने कहा कि 19 नवंबर 2023 को पीएम मोदी ने चूरू में वादा किया था कि राजस्थान में पेट्रोल-डीजल के दाम हरियाणा के समान कर दिए जाएंगे, लेकिन आज भी राजस्थान में पेट्रोल 10 रुपये महंगा है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन और नौकरियों पर भी सवाल

गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार द्वारा लागू किए गए मिनिमम गारंटी एक्ट के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन में हर साल 15% वृद्धि की जानी थी। लेकिन इस बार 1322 रुपये की जगह केवल 1250 रुपये की पेंशन तय की गई, जो जरूरतमंदों के साथ अन्याय है।

उन्होंने राज्य सरकार पर बेरोजगारों को लेकर भी हमला किया और कहा कि पिछले बजट में एक लाख नौकरियां देने की घोषणा हुई थी, लेकिन सरकार खुद मान रही है कि सिर्फ 59,000 नौकरियां ही दी गईं। इसके बावजूद इस साल फिर से 1.25 लाख नौकरियों की घोषणा कर दी गई है। गहलोत ने इसे युवाओं को सिर्फ आंकड़ों में उलझाने की चाल बताया।

रिफाइनरी और ईआरसीपी को लेकर सरकार पर हमला

गहलोत ने कहा कि बाड़मेर रिफाइनरी के उत्पादन को लेकर पहले अप्रैल 2025 की समयसीमा तय थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर अगस्त 2025 कर दिया गया है। साथ ही, पेट्रोजोन को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई। उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) के लिए बजट देने से मना कर दिया है या नहीं, क्योंकि राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 9,500 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की, लेकिन केंद्र के बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है।

गिग वर्कर्स और एससी/एसटी फंड पर भी सवाल

गहलोत ने आरोप लगाया कि पिछले बजट में गिग वर्कर्स के लिए 250 करोड़ रुपये का फंड तय किया गया था, लेकिन अब तक यह केवल कागजों तक सीमित है। इस बार इसे बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया, लेकिन सरकार को इसे जमीनी स्तर पर लागू करना चाहिए।

उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी फंड को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि 2024-25 के बजट में घोषित 1,500 करोड़ रुपये की राशि का एक पैसा भी जारी नहीं किया गया। अब इसे बढ़ाकर 1,750 करोड़ रुपये कर दिया गया है, लेकिन पिछली रकम ही खर्च नहीं हुई।

पायलट का आरोप- आम जनता के हितों के खिलाफ है बजट

कांग्रेस महासचिव और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी बजट को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह बजट वास्तविकता से परे है और आम जनता के हितों के खिलाफ है।

पायलट ने सरकार से सवाल किया कि पिछले साल की गई घोषणाओं का क्या हुआ? उन्होंने बेरोजगारों के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि शिक्षित युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा है। जल जीवन मिशन की समयसीमा 2028 तक बढ़ा दी गई है, लेकिन पिछले एक साल में 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के टेंडर भी नहीं निकल सके।

महंगाई पर सरकार ने नहीं किया कोई प्रयास

पायलट ने बजट को महंगाई के मुद्दे पर विफल बताया और कहा कि प्रदेश में पेट्रोल, डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं के दाम कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने ईआरसीपी योजना को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि 9,500 करोड़ रुपये के वर्क ऑर्डर जारी करने की बात कही गई है, लेकिन बजट में इसके लिए सिर्फ 200 करोड़ रुपये ही रखे गए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शिता बरतनी चाहिए और जनता को यह बताना चाहिए कि ईआरसीपी के लिए वित्तीय प्रबंधन किस प्रकार होगा और इसका भविष्य में क्या असर पड़ेगा।

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