Rajasthan Cyber Crime: राजस्थान में साइबर अपराध से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है। जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की वेस्ट टीम ने फर्जी सिम एक्टिवेट कर साइबर ठगों को बेचने वाले सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों राहुल कुमार झा और मोहम्मद इकबाल को गिरफ्तार किया है।
अब तक की जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने 300 फर्जी सिमें साइबर अपराधियों को बेचीं, जिनका इस्तेमाल कर 50 लाख रुपये की ठगी की गई है।

क्या मिला आरोपियों के पास से?
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से बड़ी मात्रा में साइबर अपराध में इस्तेमाल होने वाला सामान बरामद किया है:
- 104 सिम कार्ड
- 31 मोबाइल फोन
- 2 फिंगरप्रिंट स्कैनर
- 1 चेकबुक
- 5 एटीएम कार्ड
- 9 खाली चेक (हस्ताक्षर सहित)
- आधार कार्ड, पैन कार्ड और ठगी से जुड़े दस्तावेज
कैसे देते थे फर्जी सिम?
पुलिस उपायुक्त राजर्षि राज ने बताया कि आरोपी रिटेलर राहुल कुमार झा विभिन्न कंपनियों की सिम गलत तरीके से जारी करता था। पुलिस को सूचना मिली थी कि यह एक-एक व्यक्ति के नाम पर 4-5 सिमें एक्टिवेट कर रहा था।
जांच में पता चला कि आरोपी ग्राहक को कई बार दुकान बुलाकर प्रोसेस अधूरा बताता और हर बार उससे फिंगरप्रिंट और जरूरी दस्तावेज ले लेता था।
भरतपुर और मेवात की गैंग तक पहुंची थीं सिम कार्ड
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि 300 फर्जी सिम भरतपुर और मेवात की साइबर ठग गैंग को बेचीं गईं। इन सिमों का इस्तेमाल कर 50 लाख रुपये की ठगी की गई।
जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद
फिलहाल, पुलिस आरोपियों से रिमांड पर पूछताछ कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि यह गिरोह कई अन्य राज्यों में भी साइबर अपराध से जुड़ा हो सकता है। पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में जुटी है।
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