जयपुर। राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव हैं। इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के मुद्दे को भुनाने में जुटी हुई है।

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब 5 साल से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने मांग करते रहे। साथ ही पीएम मोदी पर वादा खिलाफी का भी आरोप लगाया।

अब चुनाव के दौरान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने दावा किया है कि ईआरसीपी भाजपा सरकार ने शुरू की थी। साथ उन्होंने यह भी दावा किया है कि ईआरसीपी को आगे भाजपा की सरकार ही ही पूरा करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बारां जिले सहित सीसवाली, किशनगंज व छीपाबड़ौद में कार्यकर्ता सम्मेलनों में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा काम है जनता के लाभ की योजनाओं को आगे बढ़ाने का है। लेकिन, गहलोत सरकार का काम विकास कार्यों को अटकाने का है।

वहीं पेपर लीक के मामलों में पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि पेपर लीक के कारण 70 लाख से ज्यादा युवाओं का भविष्य बर्बाद हुआ है। इसलिए अब राजस्थान में भाजपा सरकार आएगी और ऐसी व्यवस्था बनाएगी कि कभी पेपर लीक नहीं होंगे।

जानें-क्या है ईआरसीपी योजना?

ईआरसीपी का पूरा नाम ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट है। इसका उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान में बहने वाली चंबल और उसकी सहायक नदी कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध में बारिश के दौरान ओवरफ्लो होते पानी को इकट्ठा कर उसे राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी जिलों में भेजना है। यह योजना झालावाड़. बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना की अनुमानित लागत लगभग 60 हजार करोड़ रुपए है।

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