रायपुर। राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने समुदाय-केंद्रित पहलों और परियोजना विकास कार्यों का आकलन करने के लिए सरगुजा में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएनएल) के परसा ईस्ट केटे बासन ब्लॉक का दौरा किया. उन्होंने आरवीयूएनएल की तरफ से सरगुजा जिले के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा, “पीईकेबी ब्लॉक की अपार सफलता छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बीच एक उपयोगी साझेदारी का परिणाम है. हम सरगुजा जिले के विकास में आरवीयूएनएल के योगदान पर गर्व करते हैं. राजस्थान सरकार स्थानीय समुदायों के साथ अपने बंधन को मजबूत करने एवं भविष्य में उनके सशक्तिकरण में और भी अधिक योगदान देने के लिए समर्पित है.”

आरवीयूएनएल का पीईकेबी ब्लॉक सरगुजा में संगठित क्षेत्र में सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है, जो लगभग 10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करता है. इसने स्थानीय श्रमिकों को कोरबा, बिलासपुर और रायगढ़ जैसे अन्य जिलों में पलायन करने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाँ खनन क्षेत्र ने रोजगार सृजन और स्थानीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. आरवीयूएनएल ने अपने खदान डेवलपर और ऑपरेटर ठेकेदार अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के माध्यम से शिक्षा, सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कृषि में विभिन्न पहल की हैं. आरवीयूएनएल द्वारा समर्थित अदानी विद्या मंदिर लगभग 900 स्थानीय छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है. उल्लेखनीय रूप से, यह संभवतः भारत का एकमात्र स्कूल है. जहां छात्रों की माताओं की एक सहकारी समिति पौष्टिक नाश्ता और मध्याह्न भोजन तैयार करने और परोसने के लिए जिम्मेदार है.

मंत्री नागर ने डोजर पुश ऑपरेशन भी लॉन्च किया और पीईकेबी ब्लॉक में आरवीयूएनएल के संचालन के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने के लिए नौ मेगावाट की सौर परियोजना का उद्घाटन किया. उन्होंने उस जंगल का भी दौरा किया, जहां पिछले दशक में कोयला खनन के बाद पुनः प्राप्त भूमि पर आरवीयूएनएल ने स्थानीय लोगों की मदद से 11.5 लाख पेड़ लगाए हैं. उन्होंने चालू वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त 2.5 लाख पेड़ लगाने के लिए चल रहे अभियान की स्थिति पर भी चर्चा की. उल्लेखनीय है कि हमने साल पेड़ के लिए नर्सरी विकसित करने में रिकॉर्ड कायम किया है.

अपनी प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में, ऊर्जा मंत्री नागर ने अंबिकापुर पर निर्भर स्थानीय समुदायों के लिए आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए पीईकेबी ब्लॉक के पास 25-बेड का आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल स्थापित करने की योजना की घोषणा की.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने के दौरान पीईकेबी ब्लॉक के बंद होने की वजह से राजस्थान सरकार को 40 प्रतिशत अधिक कीमत चुकाकर कोयला खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा था और इसका राजस्थान के बजट पर प्रतिकूल असर पड़ा था. शनिवार को रायपुर में ऊर्जा मंत्री नगर ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भी मुलाकात के दौरान सरगुजा जिले के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

ऊर्जा मंत्री नागर ने पिछले चार वर्षों से लगातार छत्तीसगढ़ की एकमात्र पांच सितारा रेटेड पीईकेबी कोयला खदान के प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा, “कोयला खनन के बाद पुनः प्राप्त भूमि पर लगातार बड़े पैमाने पर वनीकरण परियोजना चलाकर और साल पुनर्जनन की चुनौती को सफलतापूर्वक स्वीकार करके, आरवीयूएनएल ने भारतीय खनन उद्योग में नए मानक स्थापित किए हैं. हम पीईकेबी ब्लॉक के पड़ोस में स्थित अपने दो अन्य कोयला ब्लॉकों, परसा और केटे एक्सटेंशन में भी यही सफलता दोहराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वर्तमान में, हम केवल नौ से दस रेलवे रैक कोयला प्राप्त करने में सक्षम हैं, जबकि आवश्यकता 20 से 22 रेक की है.” उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सहयोग से आरवीयूएनएल सरगुजा और राजस्थान के हित में अपने परिचालन का विस्तार करने में सक्षम होगी, जिससे कोयला आयात के साथ कोल इंडिया पर भी हमारी निर्भरता कम होगी.