जयपुर. भारतीय सौंफ की प्रमुख उत्पादक राज्यों में से एक है राजस्थान. इस किसान की सौंफ की विदेशों में है भारी डिमांड, खेतों से सीधा बिक रही 450 रुपये प्रति किलो, किसान की तकनीक देखने आते हैं विदेशी भी. यहां की सौंफ देशभर में खासा महंगी होती है. यदि देशभर में सौंफ का भाव 350 रुपये प्रति किलो होता है, तो यहां 450 रुपये प्रति किलो तक मिलती है. क्योंकि यह विशेषताओं से भरपूर होती है, जैसे कि प्राकृतिक हरा रंग, मीठा स्वाद और मोटे दाने. इसी कारण सौंफ को इंटरनेशनल स्तर पर भी पहचान मिली है और इसके पीछे एक किसान का अहम योगदान है. उन्होंने लगातार प्रयोग करते हुए सौंफ की खेती को पूरी तरह बदल दिया है. इसी के बदले में उन्हें एक राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिला है.
जिले के सौंफ किंग इशाक अली, राजस्थान के सिरोही जिले के एक किसान हैं, जिन्हें देश के सौंफ किंग के रूप में पहचाना जाता है. पिंडवाड़ा तहसील से 50 किलोमीटर दूर स्थित पिंडवाड़ा के काछोली गांव से यह प्रमुखता सौंफ से जुड़ी है. इशाक का परिवार 40 साल पहले गुजरात के बड़नगर के बादरपुर गांव से यहां बस गया था. इशाक अली अपनी खेती को 32 बीघा में करते हैं और वर्तमान में वह नर्सरी के लिए बीज तैयार कर रहे हैं. इशाक अली ने एक नयी तकनीक का उपयोग करके सौंफ की खेती को पूरी तरह बदल दिया है. पहले तो किसान बीज डालकर सीधे खेत में सौंफ उगाते थे, लेकिन अब वे बीजों से नर्सरी में पौधे तैयार कर खेत में ट्रांसप्लांट करने का नया तरीका अपना रहे हैं। इस तकनीक के कारण सौंफ की गुणवत्ता, रंग और मूल्य में सुधार हुआ है.
इशाक ने बताया कि वह पिता के साथ मिलकर काम करते थे। उन्होंने जान लिया था कि यह जमीन सौंफ के लिए काफी उपजाऊ है. परंपरागत तरीके से खेती करके लोग आमदनी नहीं कर पा रहे थे. उनके पास कृषि के लिए संसाधन नहीं थे और खेती के अलावा उनका और कोई रोजगार विकल्प भी नहीं था. इशाक ने बताया कि पिता ने तकनीकी सहायता से लोकल किसान मजदूरों को इकट्ठा किया और उन्हें खेतों में काम करने की पेशकश की. उन्होंने अपने किसान मजदूरों को पैदावार का 25 प्रतिशत हिस्सा देने का एक ऑफर दिया. उन्हें कोई भी खर्च नहीं करना पड़ता था, सिर्फ मेहनत करनी थी. इस प्रकार, किसानों को आय का चौथाई हिस्सा, जो कि 2 से 3 लाख रुपए तक पहुंच सकता है, मिला. इस योजना ने किसानों को प्रेरित किया और सौंफ की खेती में रुझान आया. कई किसानों ने सौंफ की खेती शुरू कर दी. इस प्रकार, आज सिरोही जिले के गांवों में जैड, कूकावास, भूलावास आदि किसान सौंफ की खेती कर रहे हैं. इस क्षेत्र में सौंफ की गुणवत्ता बहुत अच्छी है.