Rajasthan News: राजस्थान के आबकारी विभाग के लिए 1700 करोड़ रुपये की पुरानी बकाया राशि गले की फांस बन गई है। विभाग ने बकाया वसूली के लिए एमनेस्टी योजना शुरू की थी, जिसमें पेनल्टी और ब्याज में छूट दी गई, लेकिन इसके बावजूद देनदार सामने नहीं आ रहे।

30 सितंबर 2025 तक इस योजना की अंतिम तारीख है, लेकिन वसूली में विभाग को पसीने छूट रहे हैं। कई देनदारों के पास कोई चल-अचल संपत्ति नहीं है, कुछ नौकर हैं तो कुछ छोटे-मोटे दुकानदार, जिसके चलते वसूली का बोझ लगातार बढ़ रहा है।

आबकारी विभाग ने पुराने बकाया प्रकरणों के निपटारे के लिए ‘एमनेस्टी योजना 2025’ शुरू की है। इसके तहत 2020 से पहले के बकाया मामलों में मूल राशि जमा करने पर 100% ब्याज और पेनल्टी माफ की जा रही है। वहीं, 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के बकाया प्रकरणों में मूल राशि जमा करने पर 100% पेनल्टी और 50% ब्याज (राजस्थान आबकारी अधिनियम की धारा 30एए के तहत) माफ करने का प्रावधान है। इसके बावजूद देनदार राशि जमा नहीं कर रहे, जिसके चलते विभाग अब जमानतियों की तलाश में जुटा है।

जमानतियों की संपत्ति कुर्की की तैयारी

वसूली में देरी होने पर विभाग जमानतियों की चल-अचल संपत्तियों को कुर्क करने या उनके खिलाफ सिविल और फौजदारी मुकदमे दर्ज करने की योजना बना रहा है। प्रदेशभर में आबकारी विभाग के पास 5,000 से अधिक बकाया मामले लंबित हैं, जिनका कुल बकाया 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इनमें से अधिकांश मामले उन दुकानदारों से जुड़े हैं, जिन्होंने भारी निवेश कर शराब की दुकानें लीं, लेकिन उन्हें चला नहीं पाए। कुछ दुकानदारों ने साझेदारी में दुकानें लीं, लेकिन आपसी विवाद के कारण बकाया बढ़ गया। कई मामलों में दुकानें उन लोगों के नाम ली गईं, जिनके पास कोई संपत्ति ही नहीं थी, और घाटा होने पर वे दुकानें छोड़कर फरार हो गए।

इन जिलों से बकाया

विभाग ने बकाया वाले जिलों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार उदयपुर, जयपुर, झालावाड़, जोधपुर, गंगानगर, अजमेर, कोटा, अलवर और सीकर जैसे जिले इस सूची में शामिल हैं। जिला आबकारी अधिकारियों की वसूली परफॉर्मेंस अब तक निराशाजनक रही है, और 30 सितंबर तक चलने वाली इस योजना में अभी तक अपेक्षित सफलता नहीं मिली है।

ये है आबकारी विभाग की चुनौतियां

आबकारी विभाग के लिए न केवल पुराने बकाये की वसूली बल्कि नए राजस्व लक्ष्यों को पूरा करना भी चुनौती बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि बकाया वसूलने के लिए देनदारों और जमानतियों की तलाश तेज कर दी गई है, लेकिन कई देनदारों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वसूली में मुश्किलें आ रही हैं। विभाग अब सख्त कदम उठाने की तैयारी में है ताकि बकाया राशि की वसूली को गति दी जा सके।