Rajasthan News: जोधपुर. शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई बच्चे गंभीर बीमारियों (Serious Illnesses) से जूझ रहे हैं. इन बच्चों में हार्ट (Heart Issues), कटे होंठ (Cleft Lip), मोतियाबिंद (Cataract), और क्लब फुट (Clubfoot) जैसी समस्याएं पाई गई हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 2400 विद्यार्थी इन बीमारियों से पीड़ित हैं, जिसमें फलोदी जिला भी शामिल है.

चिकित्सा विभाग करेगा बीमारी का वेरिफिकेशन (Verification)

इन बीमारियों का प्राथमिक सत्यापन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (Health Department) द्वारा किया जाएगा. इसके बाद बच्चों के लिए मुफ्त सर्जरी (Free Surgery) या आगे के इलाज (Treatment) का निर्णय लिया जाएगा.
शिक्षा विभाग के डिजिटल सर्वे (Digital Survey) में यह सामने आया कि इन विद्यार्थियों को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है. जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और चिकित्सा विभाग इसके लिए समन्वय करेंगे.

डिजिटल स्वास्थ्य परीक्षण (Digital Health Screening)

अगस्त से सितंबर तक सरकारी स्कूलों के 75 लाख विद्यार्थियों का डिजिटल स्वास्थ्य परीक्षण (Health Screening) कराया गया था. इस परीक्षण में 90 हजार बच्चे बीमार पाए गए. पहले चरण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत सर्जरी की आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है.

शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल के आदेशानुसार, जिन बच्चों की सर्जरी जिला अस्पताल (District Hospital) में संभव है, उन्हें वहीं किया जाएगा. जो सर्जरी राज्य स्तर (State Level) पर ही संभव है, वह राज्य स्तर पर कराई जाएगी. अगर किसी छात्र का परिवार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत पात्र नहीं है, तो उसे आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के माध्यम से इलाज कराया जाएगा.

जोधपुर के विद्यार्थियों की स्थिति

जोधपुर जिले में कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चे इस योजना में शामिल हैं. गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चे जिले के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बावड़ी, तिंवरी, आऊ, बापिणी, भोपालगढ़, लोहावट, ओसियां, फलोदी, और पीपाड़सिटी के हैं. जोधपुर संभाग (Jodhpur Division) में कुल 9 हजार से ज्यादा बच्चे बीमार पाए गए हैं, जिनमें से 100 से अधिक जोधपुर शहर के हैं. इन्हें सर्जरी के लिए प्राथमिकता दी जाएगी.

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