Rajasthan News: राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघ-बाघिनों के लापता होने का खुलासा वन विभाग की ताजा मॉनिटरिंग रिपोर्ट में हुआ है, जिससे वन्यजीव संरक्षण से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों में हड़कंप मच गया है. इस चिंताजनक स्थिति के मद्देनजर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी.के. उपाध्याय ने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है, जिसे लापता बाघों के बारे में गहन जांच कर दो महीने में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, लापता हुए बाघों में से 11 बाघ एक साल से अधिक समय से गायब हैं, जबकि 14 बाघ एक साल से कम समय से लापता हैं. इस पर वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के मुकाबले उनके लिए पर्याप्त क्षेत्र उपलब्ध नहीं है. बाघों के बीच क्षेत्रीय संघर्ष भी एक कारण हो सकता है, जिसमें कमजोर बाघों को अपनी जगह छोड़नी पड़ती है या संघर्ष में उनकी मौत हो जाती है. इसके अलावा, कुछ बाघ जंगल की सीमा से बाहर निकलकर अन्य इलाकों में चले जाते हैं, जिससे वे ट्रैकिंग से बाहर हो जाते हैं.
पिछले एक वर्ष में रिजर्व में 11 बाघों की मृत्यु भी दर्ज की गई है. वन्यजीव प्रेमियों और विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व में बाघों की निगरानी पर ध्यान देने के बजाय पर्यटन को बढ़ावा देने पर अधिक जोर दिया जा रहा है. इस लापता होने की स्थिति से रिजर्व के प्रबंधन और मॉनिटरिंग प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
वन विभाग की नई जांच टीम में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन संरक्षक जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि ये बाघ कहां हैं और उनके लापता होने के कारण क्या हो सकते हैं. इसके साथ ही, जांच में यह भी देखा जाएगा कि अब तक गायब बाघों की खोज के लिए विभाग द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं.
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