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Rajasthan News: मेवाड़ के नव-राजतिलकधारी विश्वराज सिंह ने अपने राजतिलक के 48 घंटे बाद बुधवार को एकलिंगनाथजी के दर्शन किए। सोमवार, 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ के प्रकाश महल में उनके राजतिलक की रस्म पूरी हुई थी। परंपरा के तहत, उन्हें उदयपुर के सिटी महल में धूणी दर्शन और फिर एकलिंगनाथजी के दर्शन करने जाना था।
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हालांकि, उनके चाचा अरविंद सिंह द्वारा धूणी दर्शन से रोके जाने के कारण विवाद खड़ा हो गया। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धूणी मंदिर परिसर को अपने अधिकार में ले लिया, जिसके बाद विश्वराज सिंह बिना दर्शन किए वापस लौट गए। अब बुधवार को उन्होंने भारी सुरक्षा के बीच एकलिंगनाथजी के दर्शन किए।
मंदिर में दर्शन का क्रम
सुबह 10:30 बजे एकलिंगनाथजी मंदिर के पट खोले गए, जो दोपहर 1:30 बजे तक खुले रहे। समोर बाग में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद, पारंपरिक परिधान और सफेद पगड़ी में विश्वराज सिंह मंदिर पहुंचे। उनके हाथ में तलवार और आंगन में एक सफेद घोड़े की पूजा की गई।
परंपरा के अनुसार, एकलिंगनाथजी के दर्शन के बाद विश्वराज सिंह गुलाबी पगड़ी में नजर आए। बता दें कि पूर्व राजपरिवार में संपत्ति विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। इसके चलते विश्वराज सिंह को मंदिर में प्रवेश के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश दिए गए। इसी कारण मंदिर में अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई गई और उदयपुर सिटी पैलेस के 500 मीटर के दायरे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
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