Rajasthan News: दीपावली, जिसे खुशियों और समृद्धि का त्योहार माना जाता है, हर साल पूरे भारत में उत्साह से मनाया जाता है। घरों और दुकानों की सजावट और माता लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी की परंपरा भी निभाई जाती है। हालांकि, यह परंपरा कई बार गंभीर हादसों का कारण भी बन जाती है। इस साल राजस्थान में 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई गई दीपावली के दौरान भी कई दुर्घटनाएं हुईं।

जयपुर के SMS अस्पताल में पहुंचे 80 से अधिक मरीज
राजस्थान की राजधानी जयपुर के प्रमुख सरकारी अस्पताल, सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS Hospital), ने दिवाली के दौरान आतिशबाजी से घायल हुए 80 से अधिक लोगों का इलाज किया। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 10 मरीजों की हालत गंभीर है और लगभग आधा दर्जन बच्चों की आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है।
अस्पताल में दिन-रात ऑपरेशन
SMS अस्पताल के अधीक्षक, डॉ. सुशील भाटी, ने जानकारी दी कि दिवाली के दिन अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर लगातार चालू रखे गए। गंभीर रूप से झुलसे हुए मरीजों का इलाज दिन-रात किया गया। करीब 10 मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है।
6 बच्चों की आंखों की रोशनी प्रभावित
डॉ. भाटी ने बताया कि 6 बच्चों की आंखों में पटाखों से निकले बारूद के कण जाने के कारण उनकी दृष्टि पर गंभीर असर पड़ा है। ऑपरेशन के बाद भी केवल 10 प्रतिशत रोशनी लौटने की संभावना है। इनमें से झुंझुनू निवासी यश, धौलपुर की भावना, और नागौर के राजकुमार जैसे बच्चों की आंखों की रोशनी लगभग चली गई है।
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