Rajasthan News: राजस्थान में एक बड़ा भर्ती घोटाला सामने आया है। RPSC में फर्स्ट ग्रेड पद पर कार्यरत महिला अधिकारी सरोज विश्नोई को SOG ने गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात ये है कि सरोज ने 2018 की परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल की थी और अब तक बिना किसी शक के सरकारी पद पर कार्यरत थी।

कैसे खुली पोल?
RPSC को जब इस गड़बड़ी की गुप्त सूचना मिली, तो आयोग ने तुरंत SOG को सूचना दी। SOG ने महिला अधिकारी सरोज से पूछताछ शुरू की और सामने आया कि उसने ग्रेड-द्वितीय की परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिये बाहर से उत्तर सुनकर परीक्षा पास की थी। प्रमोशन के बाद वह ग्रेड-फर्स्ट अधिकारी बन गई थी।
कौन है सरोज?
सरोज विश्नोई, बीकानेर जिले की नोखा तहसील के कुचौर अगुणी गांव की रहने वाली है। उसने सिर्फ एक नहीं, बल्कि 2018 में हुई LDC परीक्षा में भी इसी तकनीक का इस्तेमाल कर नकल की थी।
नकल का नेटवर्क कैसे काम करता था?
पूछताछ में खुलासा हुआ कि सरोज ने नकल के लिए पोरव कालेर नाम के व्यक्ति से संपर्क किया था। पोरव ने दिनेश सिंह और राजू मैट्रिक्स की मदद से नरेश दान से पेपर हल करवाया और फिर ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए सरोज को सारे जवाब बताए गए। यानी पूरा एक संगठित रैकेट काम कर रहा था।
भारी रकम में हुई थी डील
SOG की जांच में यह भी सामने आया कि इस सेटअप के बदले सरोज ने मोटी रकम चुकाई थी। सरकारी पद हासिल करने के लिए इस नकल तंत्र का इस्तेमाल करके न सिर्फ खुद को फायदा पहुंचाया, बल्कि भर्ती व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा कर दिया।
SOG अब पूरे रैकेट की परतें खोलने में जुटी है। यह जांच की जा रही है कि पोरव कालेर और उसके साथियों ने और कितने अभ्यर्थियों को इस तरह नकल करवाई थी। RPSC ने भी सभी संदिग्ध मामलों की दोबारा समीक्षा शुरू कर दी है।
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