Rajastthan News: जोधपुर जिले में महामंदिर थाना क्षेत्र के पावटा मानजी का हत्था में एक मॉल के बाहर दो दोस्तों को डराने-धमकाने और माता का थान थाने ले जाकर 2 लाख रुपये नकद व 8.5 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी की अवैध वसूली के मामले में फरार कांस्टेबल पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस पिछले 46 दिनों से अपने ही कांस्टेबल को पकड़ने में नाकाम रही है।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अमित जैन ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। इसके तहत नागौर जिले के बरबटा गांव के मूल निवासी और वर्तमान में जोधपुर के चैनपुरा क्षेत्र में रहने वाले कांस्टेबल ऋषभ सोऊ पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। मामला दर्ज होने के बाद से वह निलंबित है।

क्या है मामला?

14 जुलाई की शाम 4 बजे दिलीप गौड़ और उनके दोस्त रमेश शर्मा खरीदारी के लिए मानजी का हत्था स्थित एक मॉल गए थे। वहां बर्खास्त कांस्टेबल राकेश पूनिया (पालड़ी सिद्धा गांव, नागौर), नरसिंहराम जाट (कुरछी गांव, नागौर), जगमालराम जाट (थोब गांव, नागौर) और लादूराम मेघवाल (भाड़वी के वाड़ा गांव, जालोर) ने उन्हें यूएसडीटी की अवैध खरीद-फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाकर डराया और धमकाया। दोनों को जबरन कार में माता का थान थाने ले जाया गया, जहां उनसे 2 लाख रुपये नकद और दिलीप के मोबाइल से 8.5 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी की अवैध वसूली की गई।

16 जुलाई को महामंदिर थाने में पांच कांस्टेबलों और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अगले दिन चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और 19 जुलाई को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस वारदात में सरदारपुरा थाने का कांस्टेबल ऋषभ भी शामिल था, जो फरार है।

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