Rajasthan News: गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर, उनके पति सुशील गुर्जर, और दो अन्य आरोपियों अनिल और नारायण के खिलाफ विशेष न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। आरोप पत्र में चारों आरोपियों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। वर्तमान में, कोर्ट स्टाफ दस्तावेजों की जांच कर रहा है और अदालत इस मामले को स्वीकार करने पर निर्णय लेगी।
सुनवाई के दौरान, मुनेश गुर्जर के अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र पेश किया। इस पत्र में बताया गया कि जांच अधिकारी ने मुनेश गुर्जर को अदालत में पेश होने का नोटिस दिया था, लेकिन उन्हें पीठ में असहनीय दर्द होने के कारण चिकित्सक से उपचार कराना पड़ा। चिकित्सक ने उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी है, इसलिए वे आज अदालत में उपस्थित नहीं हो सकेंगी। प्रार्थना पत्र में यह भी अंडरटेकिंग दी गई है कि वे आगामी पेशी पर अदालत में उपस्थित होंगी।

मामले की शुरुआत तब हुई जब सुधांशु सिंह नामक युवक ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर निगम में उसका पट्टे संबंधी काम लंबित है और मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर ने रिश्वत की मांग की है। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने अगस्त 2023 में सुशील गुर्जर और अन्य को गिरफ्तार किया था। राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस निलंबन पर रोक लगा दी, जिसके बाद राज्य सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया।
इसके बाद, राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को फिर से निलंबित किया, लेकिन दिसंबर 2023 में हाईकोर्ट ने इस निलंबन आदेश को रद्द कर दिया। अभियोजन स्वीकृति में देरी के कारण, परिवादी ने हाईकोर्ट में आपराधिक याचिका दायर की थी, जिसमें पाया गया कि प्रथमदृष्ट्या आरोप प्रमाणित हैं। डीएलबी निदेशक को अदालत में तलब किया गया और एक दिन पूर्व मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी की गई। मुनेश गुर्जर ने एसीबी की एफआईआर को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर आगे सुनवाई होगी।
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