Rajasthan News: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने सोमवार, 19 मई को सवाई माधोपुर में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) सुरेंद्र कुमार शर्मा को दो दलालों के साथ हिरासत में लिया है। इस कार्रवाई में अब तक 13 लाख रुपये की नकदी, रिकॉर्डेड कॉल्स, लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं।

क्या है मामला?

ACB ने सुरेंद्र शर्मा के साथ-साथ दलाल रामराज मीणा और प्रदीप पारिक (उर्फ बंटी) के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 7, 7A, 8, 11 और 12 के तहत FIR नंबर 119/2025 दर्ज की है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रामराज मीणा अवैध बजरी खनन माफियाओं से पैसे वसूल कर सरकारी अधिकारियों तक पहुंचा रहा था, और इसमें ASP सुरेंद्र शर्मा की संलिप्तता स्पष्ट रूप से उजागर हुई है।

‘मंथली फिक्सिंग’ का खुलासा

ACB डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा के अनुसार, आरोपी ASP न केवल अवैध खनन को संरक्षण दे रहा था, बल्कि शराब के ठेकेदारों से अवैध शराब भी प्राप्त करता था। दलालों के माध्यम से जिला परिवहन अधिकारियों (DTO) और अन्य सरकारी अफसरों से नियमित रिश्वत ली जा रही थी। यहां तक कि सवाई माधोपुर जिले के पुलिस अधिकारियों से भी पैसे मांगने और वसूलने के प्रमाण मिले हैं।

कॉल रिकॉर्ड बने पुख्ता सबूत

जांच में रामराज मीणा के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड ने ASP शर्मा की भूमिका को पूरी तरह उजागर कर दिया है। फोन पर हुई बातचीत और दस्तावेजी साक्ष्यों से यह साफ हो गया कि सभी अवैध लेन-देन उसकी जानकारी और निर्देश पर ही हो रहे थे।

ACB की पूछताछ जारी, और खुलासों की संभावना

फिलहाल तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और संबंधित विभागों से दस्तावेज तलब किए जा रहे हैं। ACB की टीमें आगे और भी ठिकानों पर छापेमारी कर सकती हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में एक बड़ा भ्रष्टाचार नेटवर्क सामने आ सकता है।

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