Rajasthan News: जोधपुर के बनाड़ थाने में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां तीन दिन तक तीन भैंस थाने में बंधी रहीं। भैंसों के मालिकाना हक को लेकर विवाद था, जिसे सुलझाने के लिए पुलिस ने भैंसों के बच्चों को थाने बुलाया। जब बच्चों ने थाने में अपनी मां का दूध पिया, तो पुलिस को यकीन हो गया कि भैंस का असली मालिक कौन है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
30 नवंबर की रात पुलिस ने बनाड़ हाईवे पर गश्त के दौरान मोहम्मद शरीफ नामक व्यक्ति को तीन भैंसों के साथ गाड़ी में पकड़ा। पुलिस को इस पर शक हुआ क्योंकि वह देर रात भैंसों को ले जा रहा था और उनके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाया। भैंसों को थाने लाकर बांध दिया गया, जबकि शरीफ से दस्तावेज लेकर अगली सुबह आने को कहा गया।

सोशल मीडिया पर की गई अपील
अगले दिन तक कोई भी भैंसों का दावा करने नहीं पहुंचा। पुलिस ने इस पर थाने में बंधी भैंसों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा करने वालों से संपर्क करने की अपील की। दो दिन तक कोई दावेदार नहीं आया।
असली मालिक की पहचान
2 दिसंबर को मोहम्मद शरीफ थाने पहुंचा और दावा किया कि भैंसें उसकी हैं। पुलिस को संदेह हुआ क्योंकि यह वही व्यक्ति था, जिसकी गाड़ी से भैंसें पकड़ी गई थीं। शरीफ ने बताया कि उसकी भैंसों के बच्चे उसके घर पर हैं और वह रात को उन्हें अपने बाड़े में ले जा रहा था।
बच्चों की पहचान से हल हुआ विवाद
पुलिस ने तय किया कि भैंसों की पहचान उनके बच्चों के जरिए की जाएगी। मोहम्मद शरीफ अपने घर से बच्चों को लेकर थाने पहुंचा। जैसे ही बच्चों को छोड़ा गया, वे दौड़कर अपनी मां के पास गए और दूध पीने लगे। इस घटना से पुलिस को यकीन हो गया कि भैंसें मोहम्मद शरीफ की हैं।
थानाधिकारी प्रेमदान रतनू ने कहा कि उनका उद्देश्य भैंसों को सही मालिक तक पहुंचाना था। घटना में कोई कानूनी मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस ने शरीफ को उसकी भैंसें सौंप दीं और मामले का समाधान किया।
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