Rajasthan News: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने तुरंत सतर्कता बढ़ा दी है। उद्यान के अधिकारियों और कर्मचारियों को अब पीपीई किट पहनकर नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से झील में उतरने पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। वर्तमान में प्रशासन भोपाल भेजे गए पक्षियों के सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, ताकि भविष्य की रणनीति बनाई जा सके।

पेंटेड स्टार्क के बच्चे में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि एक मृत पेंटेड स्टार्क पक्षी के बच्चे में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (बर्ड फ्लू) की पुष्टि हुई है। इसके बाद से उद्यान प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए, मॉनिटरिंग और निरीक्षण के कदम उठाए हैं। अधिकारी और कर्मचारी दिन में चार बार उद्यान और उसके बाहरी क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं।
घना क्षेत्र के बाहर नहीं पाए गए बर्ड फ्लू के लक्षण
डीएफओ मानस सिंह ने स्पष्ट किया कि केवलादेव उद्यान के बाहरी क्षेत्रों में किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं। प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और जनता से अपील की गई है कि यदि कहीं भी संक्रमित पक्षी दिखाई दें, तो इसकी सूचना तुरंत उद्यान प्रशासन को दें। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है और वे बिना किसी चिंता के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान आ सकते हैं। वन विभाग पूरी सावधानी बरतते हुए आवश्यक कदम उठा रहा है, और जांच रिपोर्ट के आधार पर स्थिति की और जानकारी दी जाएगी।
पर्यटकों के लिए गाइडलाइन:
प्रशासन ने पर्यटकों के लिए कुछ अहम गाइडलाइनों की घोषणा की है:
– किसी भी मृत पक्षी को न छुएं।
– झील के पानी में उतरने से बचें।
– पक्षियों के पास ज्यादा न जाएं।
– किसी भी बीमार या संदिग्ध पक्षी के बारे में उद्यान प्रशासन को सूचित करें।
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