Rajasthan News: राजस्थान में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है और अब हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि सांस लेना भी चुनौती बनता जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय से प्रदूषण का संकट है और अब उसका असर राजस्थान के शहरों में साफ दिखाई देने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य के करीब 20 शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब से बहुत खराब स्तर पर पहुंच चुका है।

हवा की यह स्थिति सीधे तौर पर आम लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से सांस, आंख और सिर से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

भिवाड़ी बना प्रदूषण का हॉटस्पॉट

औद्योगिक शहर भिवाड़ी इस समय राज्य में प्रदूषण का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। शनिवार सुबह यहां AQI 304 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। बाद में इसमें थोड़ी गिरावट आई और यह 294 पर पहुंचा, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है।

हरियाणा सीमा से सटे भिवाड़ी में बड़ी संख्या में उद्योग हैं, जिनसे निकलने वाला धुआं हवा को लगातार जहरीला बना रहा है। देशभर में जहां नोएडा का AQI 391, दिल्ली का 373 और गाजियाबाद का 353 है, वहीं भिवाड़ी भी इन शहरों के बेहद करीब पहुंच गया है। हालात ऐसे हैं कि लोगों को मास्क लगाकर बाहर निकलना पड़ रहा है।

राजधानी समेत बड़े शहरों में भी खराब हालात

राजस्थान के ज्यादातर बड़े शहरों में अब साफ हवा नदारद है। जयपुर में AQI 207, अलवर में 231, चूरू में 284, दौसा में 233 और श्रीगंगानगर में 271 दर्ज किया गया। कोटा में 180, सीकर में 196, टोंक में 186, उदयपुर में 157, माउंट आबू में 158, अजमेर में 143, भरतपुर में 154, पाली में 164 और चित्तौड़गढ़ में 199 का स्तर रहा।

इन आंकड़ों से साफ है कि प्रदूषण पूरे प्रदेश में फैल चुका है। सबसे कम AQI फलोदी में 112 और जैसलमेर में 117 दर्ज हुआ, लेकिन ये भी खराब श्रेणी में ही आते हैं। कई शहरों में लोग सिरदर्द, थकान, आंखों में जलन और सांस फूलने जैसी समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक मौसम में बदलाव, औद्योगिक धुआं और बढ़ता वाहन प्रदूषण इसके मुख्य कारण हैं। सरकार के सामने अब तुरंत कदम उठाने की जरूरत है, जिसमें प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर सख्ती, सड़कों पर पानी का छिड़काव और बड़े स्तर पर हरियाली बढ़ाना शामिल है।

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