Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने लेबर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक से आदेश होने के बावजूद बर्खास्त श्रमिक की बहाली नहीं होने को गंभीर माना है. कोर्ट ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि 21 फरवरी तक आदेश की पालना हो, अन्यथा मुख्य सचिव व्यक्तगत या वीसी के जरिए हाजिर होकर स्पष्टीकरण पेश करें.

high court

न्यायाधीश समीर जैन ने यह आदेश रामस्वरूप शर्मा की याचिका पर दिया. प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता तन्मय ढंड ने कोर्ट को बताया कि श्रमिक के रूप में कार्यरत याचिकाकर्ता को राज्य सरकार ने 7 मई 2015 को बर्खास्त कर दिया, जिसे लेबर कोर्ट में चुनौती दी गई.

कोर्ट ने 7 फरवरी 2020 को बर्खास्तगी रद्द कर जयपुर जिला कलक्टर व एसडीएम दूदू को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को सेवा में निरंतर मानते हुए बहाल किया जाए, बर्खास्तगी अवधि के लिए 50 फीसदी वेतन का भुगतान किया जाए. राज्य सरकार ने इस आदेश को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जो 11 नवंबर, 2022 को खारिज कर दी गई लेकिन आदेश की पालना नहीं हुई.

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