Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर में ब्यूटीशियन अनीता चौधरी हत्याकांड मामले में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है। यह कदम 1 दिसंबर को प्रस्तावित महापंचायत से पहले उठाया गया है। इस बात की पुष्टि ओसियां के विधायक भेराराम सियोल ने की है।

धरने और महापंचायत की पृष्ठभूमि

अनीता चौधरी के परिजन और समर्थक लंबे समय से सीबीआई जांच, मुआवजा, और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। 19 नवंबर को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और अन्य नेताओं की मौजूदगी में समझौता हुआ था, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया था। हालांकि, सरकार द्वारा की गई घोषणाओं पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से नाराज लोगों ने 1 दिसंबर को महापंचायत का ऐलान किया था।

घटना का विवरण

27 अक्टूबर को ब्यूटीशियन अनीता चौधरी अपने पार्लर से ऑटो में बैठकर गुलामुद्दीन के घर गई थी। 30 अक्टूबर को उसका शव गुलामुद्दीन के घर के पास एक गड्ढे से बरामद हुआ, जिसे छह टुकड़ों में काटा गया था। इस घटना के बाद परिजन और स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए।

पुलिस ने 6 नवंबर को मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन को मुंबई से गिरफ्तार किया। परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार करते रहे। पुलिस ने जबरन पोस्टमार्टम कराया, जिससे विरोध और तेज हो गया।

सरकार की प्रतिक्रिया और आगामी महापंचायत

विधायक भेराराम सियोल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली भजनलाल सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। हालांकि, महापंचायत आयोजन समिति से जुड़े संपत पूनिया का कहना है कि सरकार ने अभी तक न तो मुआवजे का भुगतान किया और न ही संबंधित पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

महापंचायत में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के शामिल होने की संभावना ने मामले को और अधिक राजनीतिक बना दिया है। 19 नवंबर को हुए समझौते के बावजूद परिजनों और समर्थकों की नाराजगी यह दर्शाती है कि सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने होंगे।

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