Rajasthan News: राजस्थान के कोटा शहर में मंगलवार सुबह एक और दुखद घटना सामने आई, जहां एक कोचिंग छात्र ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र बिहार के छपरा का रहने वाला था और कोटा में रहकर नीट (NEET) परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें छात्र ने लिखा, “नीट परीक्षा के प्रेशर से मैंने सुसाइड नहीं किया है। कृपया मेरा और मेरे परिवार का नाम सार्वजनिक न करें।”

कुन्हाड़ी थाना के सीआई अरविंद भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि हॉस्टल संचालक ने सुसाइड की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। उन्होंने कहा, “हमने छात्र के कमरे का दरवाजा तोड़ा। अंदर देखा तो छात्र पंखे के कड़े से रस्सी के सहारे लटका हुआ था। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। कुछ दिन बाद उसका नीट एग्जाम होने वाला था, जिसके बाद वह घर जाने वाला था। लेकिन उसने इससे पहले ही अपनी जिंदगी खत्म कर ली।” पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया है। छात्र के परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा और शव उन्हें सौंप दिया जाएगा।

सुसाइड से पहले दोस्तों संग खाया खाना, बहन से की थी बात

पुलिस के अनुसार, मृतक छात्र ने आत्महत्या से पहले अपने दोस्तों के साथ खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया। तड़के उसने अपनी बहन से मैसेज के जरिए बात की थी। इसके बाद बहन ने हॉस्टल संचालक को फोन कर सूचना दी। जब संचालक ने छात्र के कमरे का दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया, जिन्होंने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा और मोर्चरी में शिफ्ट किया।

कोटा में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएं

कोटा, जो नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देशभर में जाना जाता है, पिछले कुछ समय से छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं के कारण चर्चा में है। इस साल जनवरी से अब तक कोटा में 10 से अधिक कोचिंग छात्रों की आत्महत्या की खबरें सामने आ चुकी हैं। इस ताजा मामले ने एक बार फिर प्रशासन और समाज के सामने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

कोटा में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने अगस्त 2023 में हॉस्टल और पेइंग गेस्ट (PG) आवासों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने जैसे उपाय शामिल थे। इसके अलावा, राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने के लिए एक विधेयक भी पारित किया है। फिर भी, ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

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