Rajasthan News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की लगातार हो रही मौतों ने वन्यजीव प्रेमियों को चिंतित कर दिया है। हाल ही में वन विभाग को एक और मृत बाघ शावक मिला है, जिसे बाघिन टी-125 का शावक बताया जा रहा है। शावक का शव भदलाव वन क्षेत्र में पाया गया, जिसे वन विभाग ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ताकि मौत के कारणों की जांच की जा सके।

बाघों की मौत का सिलसिला जारी

रणथंभौर नेशनल पार्क विश्व प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व है, लेकिन यहां बाघों की संख्या तेजी से घट रही है। पिछले दो वर्षों में अब तक 17 बाघों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकांश की मौत टेरिटोरियल फाइट (इलाके की लड़ाई) के कारण हुई है।

यह स्थिति न केवल वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को भी चुनौती दे रही है। लगातार हो रही मौतें रणथंभौर की प्रसिद्धि और पर्यावरणीय संतुलन को प्रभावित कर रही हैं।

रणथंभौर में बाघों की मौत का आंकड़ा

जनवरी 2023 से अब तक 17 बाघों की मौत हो चुकी है।

2023 में 8 बाघों की मौत:

  • 10 जनवरी- बाघ T-57 की मृत्यु
  • 31 जनवरी- बाघिन T-114 और उसके शावक की मौत
  • फरवरी- बाघिन T-19 की मृत्यु
  • मई- बाघ T-104 की मौत, ट्रैंकुलाइजेशन के दौरान ओवरडोज की वजह से साल के अंत तक 8 बाघों की जान गई

2024 में भी जारी रहा सिलसिला:

  • बाघिन T-99 का गर्भपात
  • बाघिन T-60 और उसके शावक की प्रसव पीड़ा के दौरान मौत
  • अब बाघिन T-125 के शावक की मौत

वन्यजीव संरक्षण पर मंडरा रहे सवाल

लगातार हो रही बाघों की मौतें वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों पर गंभीर सवाल उठा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रणथंभौर में बाघों की बढ़ती संख्या और घटते जंगलों के कारण टेरिटोरियल फाइट बढ़ रही हैं, जिससे इनकी मौत हो रही है।

इसके अलावा, बाघों के लिए पर्याप्त जगह और प्राकृतिक संसाधनों की कमी, अवैध शिकार की आशंका और वन विभाग की लापरवाही जैसे मुद्दे भी इन मौतों के पीछे संभावित कारण हो सकते हैं।

जरूरत कड़े कदम उठाने की

रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की सुरक्षा और उनके संरक्षण के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। वन विभाग को चाहिए कि बाघों की निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करे, टेरिटोरियल फाइट की घटनाओं को रोकने के लिए संबंधित क्षेत्रों में उचित प्रबंधन किया जाए और वन्यजीवों के लिए पर्याप्त स्थान सुनिश्चित किया जाए।

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