Rajasthan News: सांवरिया सेठ मंदिर का भंडार खुलते ही पुजारी दोनों हाथों से उठाते हैं रुपयेराजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित श्री सांवरिया सेठ मंदिर में पुजारियों की सैलरी का अनूठा तरीका है। यहां किसी पुजारी की वेतन राशि तय नहीं होती, बल्कि एक परंपरा के अनुसार दी जाती है।

जब मंदिर का भंडार (दान पात्र) खोला जाता है, तो मुख्य पुजारी सबसे पहले अपने दोनों हाथों से जितने रुपये उठा सकते हैं, वही उनकी सैलरी होती है। वे इस धनराशि को भगवान के चरणों में रखकर अपने पास रख लेते हैं, जबकि शेष नकदी, सोना-चांदी मंदिर के खाते में जमा कर दी जाती है।

साल में 11 बार खुलता है भंडार

सांवरिया सेठ का भंडार वर्ष में कुल 11 बार खोला जाता है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण फाल्गुन पूर्णिमा (होली) पर खोला जाता है, जो डेढ़ महीने का भंडार होता है। कार्तिक अमावस्या (दीवाली) पर भंडार नहीं खोला जाता, लेकिन उसके बाद अगली अमावस्या पर दो महीने का भंडार खोला जाता है।

होली पर खुला भंडार, 7.55 करोड़ रुपये गिने गए

इस बार 14 मार्च को होली पर मंदिर का दान पात्र खोला गया। पहले चरण की गिनती में अब तक 7 करोड़ 55 लाख रुपये गिने जा चुके हैं। मंदिर प्रशासन की निगरानी में, सीसीटीवी कैमरों की सुरक्षा में यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

17 मार्च को होगी सोना-चांदी की गिनती

अब 17 मार्च को मंदिर में चढ़ाए गए सोने-चांदी और विदेशी मुद्राओं की गिनती होगी। इसके अलावा, भेंट कक्ष, कार्यालय और ऑनलाइन माध्यमों से आए दान की गणना भी शेष है। मंदिर में प्रतिदिन करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने के बाद श्रद्धा अनुसार चढ़ावा अर्पित करते हैं।

भक्तों की आस्था का केंद्र

श्री सांवरिया सेठ को कृष्ण धाम माना जाता है, जहां श्रद्धालु अपने व्यापार, करियर और समृद्धि की कामना लेकर आते हैं। मान्यता है कि यहां दान करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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