Rajasthan News: जोधपुर रेप केस में दोषी आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच से 75 दिन की अंतरिम जमानत मिल गई है। मंगलवार को जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की बेंच ने आदेश दिया कि आसाराम 31 मार्च 2025 तक जेल से बाहर रहकर अपना इलाज करवा सकते हैं। हालांकि, इस दौरान उन्हें अपने किसी भी अनुयायी से मिलने की अनुमति नहीं होगी और न ही वे मीडिया में कोई बयान जारी कर सकेंगे। इसके साथ ही, आसाराम को 24 घंटे तीन पुलिसकर्मियों की निगरानी में रहकर इलाज कराना होगा।

सुप्रीम कोर्ट की शर्तों पर मिली जमानत
आसाराम के वकील आर. एस. सलूजा ने 8 जनवरी को हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जिस पर छह दिन बाद फैसला आया। 86 वर्षीय आसाराम को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिसमें प्रमुख रूप से हृदय रोग शामिल है। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 27 जनवरी को आसाराम को अंतरिम जमानत दी थी, और अब इन शर्तों पर राजस्थान हाई कोर्ट ने भी जमानत की मंजूरी दी है।
अब तक मिली जमानतें और पैरोल
आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में बंद हैं। उन्हें 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग के साथ रेप का दोषी ठहराया और उम्रभर की सजा सुनाई थी। आसाराम को पहली बार 13 अगस्त 2024 को 7 दिन की पैरोल मिली थी ताकि वह पुणे के माधव बाग आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करवा सकें। इसके बाद 7 नवंबर 2024 को उन्हें 30 दिन की पैरोल मिली, जिसमें जोधपुर के एक निजी आयुर्वेद अस्पताल में इलाज का मौका मिला।
पैरोल समाप्त होने से पहले आसाराम ने फिर से याचिका दाखिल की और इलाज के लिए अधिक समय मांगा, जिसके बाद हाई कोर्ट ने 17 दिन की पैरोल मंजूर की, जिसमें दो दिन पुणे पहुंचने के और 15 दिन इलाज के लिए दिए गए।
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