Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “सरकार और पुलिस दोनों का इकबाल खत्म हो गया है”। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं, जो दर्शाता है कि कानून व्यवस्था चरमरा गई है।

विधानसभा में विपक्ष को दबाने का आरोप

गहलोत ने कहा कि विधानसभा में सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया, जिससे सदन ना चल सके। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में 45 सांसदों को निलंबित किया गया था, उसी तर्ज पर राजस्थान में 6 विधायकों को बिना कारण निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा, “सत्ता पक्ष का दायित्व होता है कि वह विपक्ष की आवाज सुने, न कि उन्हें चुप कराने की कोशिश करे।”

दलितों पर बढ़ते अत्याचार पर चिंता

गहलोत ने दलितों के साथ हो रही घटनाओं पर नाराजगी जताई और कहा कि “घोड़ी से उतारकर दलितों को शादी से रोका जा रहा है, जिससे साफ है कि सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है।” उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य में भय का माहौल क्यों बढ़ रहा है और सरकार इस पर क्या कर रही है। जोधपुर सहित प्रदेश में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसा पहले नहीं होता था।

बजट में जोधपुर को प्राथमिकता नहीं मिलने पर गहलोत की प्रतिक्रिया

जब गहलोत से पूछा गया कि “बजट में जोधपुर को प्राथमिकता क्यों नहीं मिली?”, तो उन्होंने कहा कि वे अपने कार्यकाल में की गई घोषणाओं का जायजा लेने लगातार जोधपुर आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जोधपुर के लिए बनी बड़ी संस्थाओं की स्थिति की समीक्षा करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि वह इनका काम पूरा करे।

एसआई भर्ती पर सवाल टाल गए गहलोत

जब उनसे पूछा गया कि सरकार हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पर निर्णय क्यों नहीं ले रही है, तो गहलोत ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि “हमारी सरकार को पेपर लीक मामले में बदनाम किया गया, जबकि यह समस्या पूरे देश में रही है।” लेकिन जब उनसे फिर सवाल किया गया तो वे बिना जवाब दिए निकल गए।

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