Rajasthan News: जयपुर. हाईकोर्ट ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ के जरिए 1000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा जीएसटी चोरी के आरोपी को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा है कि ये सफेदपोश अपराधी ना केवल देश को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि देश के विकास में भी बाधक बने हुए हैं.

एक ओर जहां इस देश का आम आदमी सीजीएसटी और एसजीएसटी सहित सभी प्रकार के टैक्स का भुगतान कर रहा है, लेकिन प्रार्थी ने फर्जी फर्म बनाकर उससे सरकारी खजाने को 1033 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश आरोपी आशुतोष गर्ग की जमानत याचिका खारिज करते हुए दिया. वहीं अदालत ने ट्रायल कोर्ट को मामले की सुनवाई जल्द करने के लिए भी कहा है. आरोपी की ओर से कहा कि उसे जीएसटी एक्ट के तहत लिए बयानों पर आरोपी बनाया है उसके बयानों को साक्ष्य के तौर पर उसके खिलाफ उपयोग नहीं कर सकते.

इसके अलावा सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत उसका अपराध पांच साल की कैद से दंडनीय है और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की ट्रायल है. इसलिए उसे जमानत दी जाए. इसके विरोध में विभाग का कहना था कि आरोपी ने 294 फर्जी फर्म गठित कर 1033 करोड़ रुपए का लाभ लिया है. ऐसे आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दे सकते.

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