Rajasthan News: पंचायती राज एवं ग्रामीण मंत्री रमेश चन्द मीना ने निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की हर योजना में स्थानीय ग्रामीणजन की भागीदारी आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जाए। इसके लिए कार्य प्रारम्भ करने से पहले योजना क्षेत्र में ग्रामीणों के साथ विस्तृत चर्चा कर उन्हें सेंसेटाइज किया जाए, उनकी आवश्यकताओं को समझा जाए एवं सुझाव लिए जाएं।
ग्रामीण मंत्री ने मंगलवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान में विभिन्न जिलों की जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंनें कहा कि कार्य की गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता को सुनिश्चत करने और गांव के गरीब, पात्र जरूरतमंद व्यक्ति तक विभाग की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी है कि योजना के प्रारम्भ से ही ग्रामीणों को और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस प्रक्रिया से जोड़ा जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए हर ग्राम पंचायत में ग्राम सभा का आयोेजन नियमित रूप से किया जाए और ग्रामीण क्षेत्र में किए जाने वाले हर विकास कार्य की ग्राम सभा और पंचायत समिति एवं जिला परिषद की साधारण सभा में चर्चा हो। उन्होंने इसके लिए संकल्प के साथ एक प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए सभी सीईओ से सुझाव भी मांगे।
ग्रामीण मंत्री ने कहा कि उन्होंने 21 जिलों के दौरों के माध्यम से जाना कि अधिकारियों के फील्ड में नहीं जाने और मॉनिटरिंग की कमी के कारण हजारों करोड़ रूपए खर्च करने के बाद भी विभाग की योजनाओं का पूरा लाभ ग्रामीणजन को नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत एक ही स्थान पर या विभिन्न समयकाल में कार्यों का दोहराव नहीं होना चाहिए। इससे न केवल पहले से सीमित संसाधनों का दुरूपयोग होता है बल्कि वास्तविक जरूरतमंद पात्र व्यक्ति वंचित रह जाता है। इसे रोकने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाए। इसी तरह ग्राम पंचायत में जारी किए गए पट्टों का रिकॉर्ड पंचायत समिति एवं जिला परिषद में भी रहना चाहिए जिससे इसमें किसी तरह की त्रुटि के अभाव में ग्रामीण जन को परेशानी नहीं हो। ग्रामीण मंत्री ने सामूहिक शौचालयों की सफाई, रख-रखाव और संचालन के लिए भी जवाबदेह मॉडल बनाने के लिए सभी सीईओ से सुझाव मांगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने करीब 7 घंटे चली बैठक में महात्मा गांधी नरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, वाटरशेड, पन्द्रहवां वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, गोबरधन परियोजना, राजीविका, चरागाह विकास, पंजशाला सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। ग्रामीण मंत्री ने विभिन्न मामलों में समय-समय पर की गई जांचों की स्थिति एवं की गई कार्यवाही की भी विस्तृत समीक्षा करते हुए सुधार के निर्देश दिए।
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